नई दिल्ली: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का शुक्रवार (08 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन था। वे रविवार को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने अपने विदाई भाषण में उनकी ट्रोलिंग करने वालों पर चुटकी ली। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैं शायद सबसे ज्यादा ट्रोल होने वाला जज हूं। मैं सोचता हूं कि मुझे ट्रोल करने वाले सोमवार से क्या करेंगे? वह तो बेरोजगार हो जाएंगे।'
उन्होंने अपने विदाई भाषण में बशीर बद्र का यह शेर भी पढ़ा, 'मुख़ालिफ़त से मिरी शख़्सियत संवरती है. मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूं।'
चीफ जस्टिस ने सुनाई अपने पिता की कहानी
डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "उन्होंने (मेरे पिता ने) पुणे में यह छोटा सा फ्लैट खरीदा था। मैंने उनसे पूछा, आखिर आप पुणे में फ्लैट क्यों खरीद रहे हैं? हम वहां कब जाकर रहेंगे? उन्होंने कहा, मुझे पता है कि मैं वहां कभी नहीं रहूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं आपके साथ कब तक रहूंगा, लेकिन एक काम करो, जज के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक इस फ्लैट को अपने पास रखो। मैंने कहा, ऐसा क्यों?
उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि आपकी नैतिक ईमानदारी या बौद्धिक ईमानदारी से कभी समझौता हुआ है तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपके सिर पर छत है। कभी भी खुद को वकील या जज के तौर पर समझौता करने की अनुमति न दें क्योंकि आपके पास अपना कोई ठिकाना नहीं है।"
अपने कार्यकाल में सुनाए कई अहम फैसले
9 नवंबर, 2022 को पदभार ग्रहण करने वाले चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज शुक्रवार को अपने दो साल के कार्यकाल के खत्म होने के बाद अपने पद से विदाई ली। ऐसा करते हुए उन्होंने अपने कार्यकाल पर नजर डाली, जिसके दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए, जिनमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने और चुनावी बॉन्ड मामले में सरकार को चुनौती देना शामिल है।