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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह कमर कसने का संकल्प लेते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह बहुत जल्द उम्मीदवारों का चयन कर लेगी तथा विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक ‘प्रभावी ढाल एवं ताकत' बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी। पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि दूसरे चरण की ‘भारत जोड़ो यात्रा' निकालने को लेकर जल्द फैसला होगा। बैठक में कई नेताओं ने राहुल गांधी से फिर से यह यात्रा निकालने का आग्रह किया।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, जयराम रमेश, के सी वेणुगोपाल और कार्य समिति के विभिन्न सदस्यों ने शिरकत की। बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों, संसद से 146 सांसदों के निलंबन सहित वर्तमान राजनीतिक हालात और हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर चर्चा की गई।

खड़गे ने कार्य समिति की बैठक में अपने शुरुआती संबोधन में दो टूक कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर ठोस रणनीति बनानी होगी तथा समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतनी होंगी। बैठक के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘76 नेता इस बैठक में शामिल हुए। हालिया विधानसभा चुनावों, लोकसभा चुनाव, संसद से जुड़े मुद्दे समेत मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई।''

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का फैसला जल्द होगा तथा इसी महीने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। वेणुगोपाल ने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र समिति का गठन अगले एक-दो दिनों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनवरी से राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन होगा, जिसमें खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। बैठक में ‘भारत जोड़ो यात्रा' के दूसरे चरण की संभावना पर चर्चा हुई।

खड़गे ने कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं की यह मांग है कि राहुल गांधी पूर्व से पश्चिम की ओर दूसरे चरण की ‘भारत जोड़ो यात्रा' निकालें। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कई महीनों से पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता एक स्वर में लगातार एक मांग मेरे सामने रखते रहे हैं कि राहुल गांधी जी से पूर्व से पश्चिम की ओर ‘भारत जोड़ो यात्रा' निकालें। मैं कार्यसमिति में राहुल जी के समक्ष यह बात रखता हूं और निर्णय आप सभी पर छोड़ता हूं।'' कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘यात्रा को लेकर चर्चा की गई। इस पर फैसला नहीं हुआ, सकारात्मक ढंग से विचार किया जा रहा है।''

राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पिछले साल सात सितंबर को कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा' शुरू की थी, जिसका समापन इस साल 30 जनवरी को श्रीनगर में हुआ था। इसके बाद से दूसरे चरण की यात्रा को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस कार्य समिति की यह बैठक विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' की बैठक के दो दिन बाद हुई है।

विपक्षी गठबंधन की 19 दिसंबर को यहां हुई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खड़गे को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की पैरवी की थी। हालांकि, खड़गे ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद ही प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बारे में फैसला किया जाएगा। कार्य समिति में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि कार्य समिति की यह बैठक आगामी लोकसभा चुनाव लडने के लिए जल्द पूरी तरह से तैयार होने का दृढ़ संकल्प व्यक्त करती है, एक पार्टी के रूप में भी और ‘इंडिया' गठबंधन के सदस्य के रूप में भी।

कार्य समिति का कहना है, ‘‘हम उस दृढ़ संकल्प को भी दोहराते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ‘इंडिया' गठबंधन को भाजपा और उसके सहयोगियों के ख़िलाफ़ एक प्रभावी ढाल और ताक़त बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।'' ‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों के साथ सीट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय गठबंधन समिति कांग्रेस की प्रादेशिक इकाइयों की राय ले रही है और फिर सहयोगी दलों के साथ बातचीत करेगी।

हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस कार्य समिति की यह पहली बैठक थी। बैठक में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी कार्य समिति की बैठक में चर्चा हुई। इन चुनावों में कांग्रेस को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा, जबकि तेलंगाना में उसे जीत मिली। चुनावी राज्यों के संबंधित महासचिवों-प्रभारियों ने कार्य समिति के समक्ष कांग्रेस के चुनावी प्रदर्शन का ब्योरा रखा। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में संसद से 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन की निंदा की गई और आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार नहीं चाहती थी कि उसे चुनौती देने के लिए विपक्ष सदनों में मौजूद रहे।

सांसदों का निलंबन यह सुनिश्चित करने के लिए भी किया गया कि विपक्ष मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए मौजूद नहीं रहे। बड़े पैमाने पर सांसदों के निलंबन के बाद तीन कठोर आपराधिक कानून बिल पास करवाए जा रहे हैं।

सीडब्ल्यूसी हमारे विशाल संगठन के सभी सदस्यों से आशा और विश्वास के साथ एकजुट होने और चुनाव अभियान में समर्पण और अनुशासन के साथ ख़ुद को पूरी तरह से झोंक देने का आह्वान करती है।

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