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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के 141 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर हमला किया है। सीपीपी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ।

पीएम मोदी ने देश के लोगों के प्रति उपेक्षा का दिया स्प्ष्ट संकेत: सोनिया 

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में भाषण देते हुए सोनिया गांधी ने कहा, “इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया था वो भी उचित और वैध मांग के लिए। 13 दिसंबर को हुई असाधारण घटना पर विपक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की थी। इस अनुरोध का जिस अहंकार के साथ व्यवहार किया गया, उसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।” उन्होंने आगे कहा, “13 दिसंबर के दिन जो कुछ भी हुआ वो माफी के लायक नहीं है और उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को राष्ट्र को संबोधित करने और घटना पर अपने विचार रखने के लिए 4 दिन लग गए। वो भी उन्होंने संसद के बाहर इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। ऐसा करके उन्होंने सदन की गरिमा और हमारे देश के लोगों के प्रति अपनी उपेक्षा का स्प्ष्ट संकेत दिया। मैं ये कल्पना आप लोगों पर छोड़ती हूं कि बीजेपी आज विपक्ष में होती तो क्या करती।”

केंद्र सरकार पर हमला करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, “इस सरकार ने लोकतंत्र और संसद सहित इसके आवश्यक स्तंभों वाली संस्थाओं पर व्यवस्थित हमला किया है। सरकार और बीजेपी के कार्यों ने एकता की भावना को कमजोर कर दिया है। भारत के संविधान पर हमला हो रहा है। आर्थिक असमानताएं बढ़ती जा रही हैं। आर्थिक विकास के बारे में प्रधानमंत्री के दावों और जमीनी हकीकत के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है।”

बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई को लेकर सोनिया गांधी ने सरकार को घेरा

उन्होंने कहा, “बेरोजगारी पहले की तुलना में अधिक बढ़ रही है और सारा पैसा उद्योगपतियों के एक चुनिंदा गुट के हाथों में जा रहा है। रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। गरीबों को परेशानी हो रही है। यह जरूरी है कि हम इन मुद्दों को जनता के बीच ले जाएं। यह हमारा भी कर्तव्य है कि हम उन ताकतों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ें, जो सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रही हैं।”

‘जवाहर लाल नेहरू को बदनाम करने की कोशिश’

जम्मू-कश्मीर के विधेयकों और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “इस सत्र में जम्मू-कश्मीर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए। जवाहर लाल नेहरू जैसे महान देशभक्तों को बदनाम करने की कोशिश की गई। इतिहास और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इन प्रयासों में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री खुद मोर्चा संभाल रहे हैं। लेकिन हम न डरेंगे और न ही झुकेंगे। हम सच बोलने पर कायम रहेंगे।”

जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस ने स्पष्ट की स्थिति

उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर पर हमारी स्थिति स्पष्ट और सुसंगत रही है। पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल किया जाना चाहिए, जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने चाहिए। लद्दाख के लोगों की आकांक्षाएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं, उन्हें संबोधित किया जाना चाहिए और उन्हें वो सम्मान दिया जाना चाहिए जिसके वो हकदार हैं।”

महिला आरक्षण पर क्या बोलीं सोनिया गांधी

संसद के विशेष सत्र के दौरान पारित हुए महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी ने कहा, “हमारा मानना है कि महिला आरक्षण बिल को इस शर्त पर पारित किया जाना कि इसे केवल परिसीमन या जनगणना के बाद ही लागू किया जाएगा, ये महिलाओं को गुमराह करने और उनका वोट हासिल करने के इरादे से किया गया एक दिखावा मात्र है। संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लंबे समय से अपेक्षित है। बर्बाद करने के लिए समय नहीं बचा है। महिलाओं के लिए आरक्षण तुरंत लागू किया जाना चाहिए और इसमें ओबीसी महिलाओं के साथ-साथ सभी महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए।”

हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में मिली हार पर क्या बोलीं सोनिया गांधी

सीपीपी अध्यक्ष ने कहा, “छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव परिणाम हमारी पार्टी के लिए निराशाजनक रहे हैं ये एक अंडरस्टेटमेंट है। हमारे खराब प्रदर्शन के कारणों को समझने और हमारे संगठन के लिए आवश्यक सबक लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही समीक्षा कर चुके हैं। हम भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, फिर भी मुझे विश्वास है कि हमारी दृढ़ता और लचीलापन हमें सफल बनाएगा।”

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