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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हराने के मकसद से बने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की चौथी मीटिंग 19 दिसंबर को नई दिल्ली में होने जा रही है। मीटिंग में शामिल होने के लिए विपक्षी गुट के तमाम नेता दिल्ली पहुंचे लगे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कई विपक्षी नेताओं का स्वागत किया। केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट की मुलाकात हुई। इस दौरान उनके बीच किन मुद्दों पर चर्चा हुई, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

ईडी ने केजरीवाल को दूसरी बार भेजा समन

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने उद्धव ठाकरे और उनके करीबी संजय राउत का स्वागत किया। केजरीवाल की इन दोनों नेताओं के साथ भी बैठक हुई. मंगलवार को उनकी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात होने की उम्मीद है। इससे पहले दिल्ली के शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने दूसरा समन भेजा है।

ईडी ने इस केस में केजरीवाल को पूछताछ के लिए 21 दिसंबर को तलब किया है। इससे पहले केजरीवाल हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए पहले समन में पेश नहीं हुए थे। केजरीवाल के ऑफिस ने भी अब तक ईडी के दूसरे समन का कोई जवाब नहीं दिया है।

केजरीवाल की विपश्यना क्लासेस बुक

हालांकि, आम आदमी पार्टी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की विपश्यना क्लासेसमहीनों पहले बुक हो गई थीं। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी के समन को तीन बार इग्नोर किया जा सकता है। तीन बार के बाद संबंधित व्यक्ति के नाम गैर-जमानती वारंट जारी किया जाता है।

इंडिया अलायंस के नेताओं ने की कांग्रेस की आलोचना

हाल ही में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार को देखते हुए मंगलवार को होने जा रही लायंस की चौथी मीटिंग कई मायनों में अहम मानी जा रही है। चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस से राजस्थान और छत्तीसगढ़ छीन लिया, जबकि मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी की। इस हार से कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की दूसरी पार्टियों की आलोचना का सामना करना पड़ा है।

टीएमसी ने दी ‘जमींदारी संस्कृति' छोड़ने की नसीहत

आज ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी कांग्रेस को ‘जमींदारी संस्कृति' को त्यागने की सलाह दे डाली। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस को इससे सबक लेना चाहिए। कांग्रेस पार्टी को ‘जमींदारी संस्कृति' को त्यागना होगा। पार्टी अपने साझेदारों के साथ अपनी प्रजा की तरह व्यवहार नहीं कर सकती। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ‘इंडिया' गठबंधन की जीत हो, उसे (कांग्रेस) तीन बार की मुख्यमंत्री और तीन बार की केंद्रीय मंत्री ममता बनर्जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन का चेहरा बनाना होगा।''

कांग्रेस की बंगाल यूनिट ने दिया जवाब

इस टिप्पणी पर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल यूनिट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस प्रवक्ता सौम्या रॉय ने जोर देकर कहा, ‘‘हमें बीजेपी के खिलाफ कैसे लड़ना है, इस बारे में टीएमसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है। यह कांग्रेस है, जो लगातार बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है, जबकि टीएमसी ने कई मौकों पर बीजेपी के साथ समझौता किया है।''

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