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नई दिल्ली: विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन की मंगलवार को होने वाली बैठक में प्रमुख राज्यों में सीटों के बंटवारे पर फोकस किए जाने की संभावना है। कुछ नेता 31 दिसंबर से पहले इस पर फैसला करने की बात पर जोर दे रहे हैं। जबकि, कुछ हालिया विधानसभा चुनावों में हार के बाद भाजपा से मुकाबले के लिए साझा रणनीति को तैयार करने की बात कह रहे हैं। सूत्रों में रविवार को यह जानकारी दी।

साझा कार्यक्रम पेश करने में मिलेगी मदद 

2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के सामने मुख्य चुनौती सत्तारूढ़ व्यवस्था के जवाब में एक वैकल्पिक साझा कार्यक्रम के साथ आना भी है। सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि सीटों का बंटवारा 31 दिसंबर से पहले हो जाना चाहिए ताकि साझा प्रचार रणनीति बनाने और लोगों के सामने एक साझा कार्यक्रम पेश करने में मदद मिल सके।

'इंडिया' गठबंधन के सामने तात्कालिक चुनौती एक संयोजक, एक प्रवक्ता और एक साझा सचिवालय पर आम सहमति बनाने की भी है। यह घटक दलों के बीच मतभेदों के कारण एक पेचीदा मुद्दा है।

विधानसभा चुनाव परिणामों से बढ़ा दबाव

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की हालिया जीत ने विपक्षी दलों पर एक चेहरा पेश करने के लिए अधिक दबाव डाला है।

भाजपा को हटाएगा इंडिया गठबंधन: शिवपाल यादव

सूत्रों ने बताया कि समाजवादी पार्टी और द्रमुक जैसी कुछ पार्टियां कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को आठ सीटें देने के लिए तैयार दिख रही है, लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी और अधिक सीटें चाहती है। समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने रविवार को पत्रकारों से कहा, 'इंडिया गठबंधन एकजुट होकर देश से भाजपा को हटाने का काम पूरा करेगा।' उन्होंने भरोसा जताया कि सीटों के बंटवारे या प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। हालांकि, पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब और दिल्ली गठबंधन सहयोगियों के बीच गतिरोध बने हुए हैं, क्योंकि कोई भी हार मानने को तैयार नहीं है।

वापस ड्राइंग बोर्ड पर जा सकते हैं 'इंडिया' के नेता

राज्य चुनावों के दौरान जातिगत जनगणना जैसे मुद्दे मतदाताओं को रास नहीं आ रहे हैं, ऐसे में इंडिया गठबनंधन के नेता नई रणनीति तैयार करने के लिए ड्राइंग बोर्ड पर वापस जा सकते हैं। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने 2024 के आम चुनावों से पहले सेमीफाइनल माने जा रहे इन विधानसभा चुनावों में जातिगत जनगणना के मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश की थी।

संयुक्त रैलियों की योजना को भी देना होगा अंतिम रूप

सूत्रों ने कहा कि विपक्ष को साझा रैलियों की योजना को भी जल्द ही अंतिम रूप देना होगा। उसे विधानसभा चुनाव से पहले अक्तूबर में भोपाल में होने वाली अंतिम रैली को रद्द करना पड़ा था। हिंदी पट्टी में लगभग साफ हो चुकी कांग्रेस की स्थिति भी गठबंधन के भीतर कमजोर हुई है। इंडिया गठबंधन के भीतर समीकरण बदलने के लिए तैयार हैं, क्योंकि अन्य विपक्षी दल गठबंधन के आधार के रूप में इसकी स्थिति को चुनौती देंगे। 2024 के चुनाव के लिए बहुत कम समय

हाल की हार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि वे सकारात्मक एजेंडे के साथ भाजपा का मुकाबला करने के लिए आगे बढ़ेंगे और लोगों के मुद्दों को उठाएंगे। 2024 के चुनावों में अब कुछ ही महीने बचे हैं और विधानसभा चुनाव निराशाजनक साबित हुए हैं, ऐसे में विपक्षी खेमे के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उभरती भाजपा का मुकाबला करने के लिए अपने चुनावी विमर्श को फिर से तराशने के लिए बहुत कम समय बचा है।

इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक

यह इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक है। इसकी पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी। इसकी दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बंगलुरू में और तीसरी 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच मुंबई में हुई थी। इसमें 27 दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने के प्रस्ताव स्वीकार किए थे।

 

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