नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर गुरुवार (14 दिसंबर) को लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां हमलावर रही। इस बीच लोकसभा के 14 और राज्यसभा के एक सांसद को मौजूदा शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है। इस फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
नीतीश कुमार की जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के सांसद राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने कहा कि सरकार की नाकामी को छुपाने के लिए सांसदों को सस्पेंड किया गया है। सांसदों की मांग थी की गृह मंत्री कल की घटना पर बयान दें, लेकिन सरकार डर गई है।
सिंह ने कहा, ''कल जो लोग संसद में घुसे थे, उसमें अगर कोई मुसलमान होता तो आज बीजेपी पूरे देश और विश्व भर में हल्ला मचा रही होती। अगर किसी कांग्रेस के सांसद के पास से वह लोग संसद में घुसे होते तो आज यही सरकार देश में हल्ला मचा रही होती।''
विपक्ष का सरकार पर बड़ा हमला
वहीं कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि गृह मंत्री सदन में आएं और बयान दें। कल जो सुरक्षा चूक हुई वह बहुत ही गंभीर मामला है। कल भी हमने मांग की थी, आज भी हम मांग कर रहे हैं और आगे भी यही मांग करेंगे। आज देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा है कि ये सब कैसे और क्यों हुआ? लेकिन इस सब पर पेीएम मोदी और गृहमंत्री चुप हैं। वो दोनों सदनों में आएं और बयान दें।
सरकार का जवाब
वहीं विपक्ष के आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम घटना की निंदा करते हैं। हमने सभी नेताओं की बैठक बुलाई थी। उसमें जो भी कार्रवाई करना था। वह किया गया है। उसकी जांच के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने गृह सचिव को आदेश दिया है कि इसका डिटेल में इंक्वारी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती, हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा।
किन-किन सांसदों को किया गया निलंबित?
लोकसभा के 14 और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है। लोकसभा से कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, मणिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस, डीएमके की कनिमोझी, माकपा केएस वेंकटेशन और पीआर नटराजन और भाकपा केके. सुब्बारायन का निलंबन हुआ है।