नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक के मामले में चार आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट ने सात दिनों की रिमांड पर भेज दिया है। ये चार आरोपी नीलम आजाद, अमोल शिंदे, सागर शर्मा और मनोरंजन डी हैं। दिल्ली पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी।
इन चार में से लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर कूदने और केन के जरिए धुआं फैलाने वाले सागर शर्मा और मनोरंजन डी हैं। वहीं संसद के परिसर में नारेबाजी कर केन के माध्यम से धुआं फैलाने वाले नीलम आजाद और अमोल शिंदे हैं।
दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट से कहा कि कैन को महाराष्ट्र से खरीदा गया था. आरोपी अलग-अलग जगहों से हैं। ऐसे में आरोपियों को लखनऊ, गुरुग्राम और मैसूर से लेकर कई जगहों पर लेकर जाना है। इनसे आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। मीटिंग किस जगह की और पैसे किसने दिए से लेकर सब कुछ पता करना है। इस कारण 15 दिनों की रिमांड दी जाए।
वहीं दिल्ली पुलिस की इस दलील पर आरोपियों के रिमांड वकील ने कहा कि जांच के लिए 5 दिन काफी है।
पुलिस के वकील ने आगे बताया कि उन्होंने संसद भवन के डिप्टी डायरेक्टर सिक्योरिटी की शिकायत पर आईपीसी और यूएपीए की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। सागर और मनोरंजन ने संसद गैलरी का पास बनवाया और फिर सदन में कूदकर जूते में छिपाया हुआ कलर बम इस्तेमाल किया। घटना आतंकी गतिविधि जैसी है क्योंकि सुनियोजित साजिश और भारत की संसद पर हमला था।
कैसे क्या हुआ था?
बुधवार (13 दिसंबर) की दोपहर करीब 1:01 बजे हुई जब खगेन मुर्मू शून्यकाल के दौरान एक मुद्दा उठा रहे थे। एक व्यक्ति आसन के पास जाने की कोशिश में बेंच को पार करने लगा, जबकि दूसरा कक्ष में कूदने से पहले दर्शक दीर्घा की रेलिंग से लटकते हुए देखा गया। इसी दौरान नीलम आजाद और अमोल शिंदे परिसर में नारेबाजी कर रहे थे।