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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी के 10 सांसदों ने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दिया। इस्तीफा देने वाले सांसदों में छत्तीसगढ़ के गोमती साई, मध्य प्रदेश के नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, प्रह्लाद पटेल, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। वहीं राजस्थान के सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, और किरोड़ी लाल मीणा ने भी इस्तीफा दे दिया है। जबकि दो सांसद बाद में इस्तीफा देंगे।

इस्तीफा देने वाले 10 सांसदों में 5 मध्य प्रदेश, 3 राजस्थान और 2 छत्तीसगढ़ से हैं। बता दें कि बीजेपी ने 21 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था, जिनमें से 12 ने जीत हासिल की और 9 सांसद हार गए। चुनाव जीतने वाले 10 विधायक आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास अपना इस्तीफा सौंपने पहुंचे, हालांकि वह विधायक बने रहेंगे। वहीं चुनाव जीतने वाले दो अन्य सांसद बाबा बालकनाथ और रेणुका सिंह आज इस्तीफा सौंपने नहीं पहुंचे।

पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा चेयरमेन के साथ मीटिंग के समय बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। वहीं राजस्थान के सांसद बाबा बालकनाथ और छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह ने अपना इस्तीफा नहीं सौंपा है, इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी उनको राज्यसभा में ही रखना चाहती है। दोनों सांसदों का नाम राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की रेस में भी सामने आ रहा है।

इस्तीफा देने वाले कई सांसद सीएम की रेस में

इस्तीफा देने वालों में से कई बीजेपी सांसद मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं कि पार्टी जल्द ही इसे लेकर घोषणाएं कर सकती है। बीजेपी सूत्रों ने का कहना है कि पार्टी मध्य प्रदेश के शिवराज चौहान के पांचवें कार्यकाल को खारिज करते हुए नए चेहरों को चुन सकती है। आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर पर लगभग पांच घंटे की बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ को जल्द मिलेगा नया सीएम: अरुण साव

इस्तीफा देने वाले छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने मीडिया से कहा कि अभी मुंगेली जिले के लोरनी विधानसभा से निर्वाचित हुआ हूं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से आज मुलाकात हुई और उनसे सहमति लेकर माननीय प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद लिया और उसके बाद लोकसभा की सदस्यता से स्पीकर साहब को अपना इस्तीफा सौंपा। निश्चित रूप से लोकसभा के सदस्य के तौर पर एक बड़ा अनुभव रहा, यहां बहुत कुछ सीखने को मिला।

अरुण साव ने कहा,"मैं पार्टी का बहुत छोटा कार्यकर्ता हूं, पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी इसको बहुत मेहनत और ईमानदारी से निभाया। सरकार का नेतृत्व कौन करेंगे यह विधायक दल और पार्टी नेतृत्व तय करेगा। निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ में बीजेपी का संगठन ढांचा बहुत मजबूत था। उन सब कार्यकर्ताओं में उत्साह और ऊर्जा भरना मेरा काम था, सबको एक साथ लेकर चले, मुझे भरोसा था कि छत्तीसगढ़ में हम लोग सरकार बना लेंगे। कार्यकर्ताओं की ताकत और मेहनत और केंद्रीय नेतृत्व के सहयोग से हम यह करने में कामयाब रहे। वोट प्रतिशत के हिसाब से पहली बार इतना प्रतिशत बीजेपी को मिला और सीटों के लिहाज से भी बहुत अच्छा रहा। छत्तीसगढ़ को अपना नया मुख्यमंत्री बहुत जल्द मिलने की उम्मीद है।"

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