नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखे जाने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिंदी भाषाई राज्य मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार में बरकरार रही है, तो वहीं उसने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है।
कांग्रेस के लिए राहत भरी खबर सिर्फ तेलंगाना से आई, जहां कि उसने के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सत्ता छीन ली है। इन चुनावों के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इन राज्यों में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर कितना असर होगा? क्या बीजेपी के खिलाफ साथ आया विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' एकजुट रह पाएगा?
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कांग्रेस से सत्ता छीनी
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है। चुनाव आयोग के रात 12 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, पार्टी को राज्य की 90 सीटों में से 54 पर जीत मिली है। वहीं कांग्रेस के खाते में 35 सीटें जा चुकी है।
इसके अलावा एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के खाते में गई है। हार के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल से मुलाकात कर इस्तीफा दे दिया।
मध्य प्रदेश में बीजेपी की हुई बंपर जीत
मध्य प्रदेश में बीजेपी को बहुमत मिल गया है। पार्टी राज्य की 230 सीटों में से 163 पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस 65 सीटें जीती है। इसके अलावा क्षेत्रीय दल भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के खाते में एक सीट गई है।
राजस्थान में रिवाज रहा कायम
राजस्थान में इस बार भी रिवाज कायम रहा यानि पांच साल बाद सत्ता बदल गई। बीजेपी ने 199 सीटों पर हुए चुनाव में से 115 पर जीत दर्ज कर ली है। वहीं कांग्रेस ने 69 पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा क्षेत्रीय दल भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के खाते में तीन सीट गई हैं। दो सीट पर बीएसपी और आठ सीट निर्दलियों के खाते में गई हैं। इस जनादेश को स्वीकार करते हुए अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
तेलंगाना में केसीआर को झटका
तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसीआर को झटका लगा है और सत्ताधारी दल बीआरएस सत्ता से बाहर हो गई। कांग्रेस ने 119 सीटों में से 64 पर जीत दर्ज हासिल करके बहुमत पा लिया है। वहीं, सत्तारूढ़ बीआरएस 39 सीटें जीत सकी है। इसके अलावा बीजेपी ने 8 तो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है। सीपीआई के खाते में एक सीट गई है।
केसीआर ने भी अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है। वहीं कांग्रेस ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी नेताओं ने जीत के बाद राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। सोमवार (4 दिसंबर) को विधायक दल की बैठक होगी।
कहां कौन अगला सीएम बन सकता है?
दक्षिणी राज्य तेलंगाना में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद सवाल है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को सीएम पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी ने भी कहा कि रेड्डी को सीएम बनाया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां बीजेपी ने सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था। साल 2003 में सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका था, जब बीजेपी ने अपने सीएम का चेहरा पेश नहीं किया। हालांकि इसके बाद भी माना जा रहा है कि राज्य का अगला सीएम शिवराज सिंह चौहान होंगे। उनके सामने कई नेता चुनौती पेश कर सकते हैं।
पिछले चुनाव में कांग्रेस की जीत के कारण वो दिसंबर 2018 से 23 मार्च 2020 तक सरकार में नहीं रहे, लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण ये सरकार गिर गई। तो फिर शिवराज सिंह ने ही चौथी सूबे की बागड़ोर संभाली थी।
वहीं छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बनने की रेस में रमन सिंह, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव, सरोज पांडेय और लता उसेंडी सहित कई नेताओं का नाम चर्चा में हैं। साथ ही राजस्थान में भी बीजेपी ने बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ा था। ऐसे में राज्य की सीएम बनने की रेस में वसुंधरा राजे के अलावा बालकनाथ और दीया कुमारी सहित कई लोगों का नाम आ रहा है।
पीएम मोदी ने क्या कहा?
चार में से तीन राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह नतीजा उन ताकतों को चेतावनी है, जो प्रगति और जन कल्याण की राजनीति के खिलाफ खड़े रहते हैं। कांग्रेस और उसके साथी विकास का विरोध करते हैं।
उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ''मैं लगातार कहता रहा हूं कि मेरे लिए देश में चार जातियां ही सबसे बड़ी जातियां हैं। मैं जब इन जातियों की बात करता हूं, तो इसमें हमारी नारी शक्ति, हमारी युवा शक्ति, हमारे किसान और हमारे गरीब परिवार हैं। इन चार जातियों को सशक्त करने से ही देश सशक्त होने वाला है।’’
मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी क्या बोले?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार पर निराशा जताते हुए कहा कि उनका दल इन राज्यों में खुद को मजबूत करेगा।
वहीं राहुल गांधी ने कहा, ''मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का जनादेश हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं- विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी। तेलंगाना के लोगों को मेरा बहुत धन्यवाद- प्रजालु तेलंगाना बनाने का वादा हम ज़रूर पूरा करेंगे। सभी कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत और समर्थन के लिए दिल से शुक्रिया।''
लोकसभा चुनाव को लेकर किसने क्या कहा?
इसी के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई। पीएम मोदी ने दावा करते हुए कहा कि कई लोग कह रहे हैं कि इस हैट्रिक ने 2024 के लोकसभा चुनाव की हैट्रिक की गारंटी दे दी है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकसभा चुनाव की तैयारी में लग जाना है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘‘कांग्रेस पर विश्वास और भरोसा जताने के लिए मैं तेलंगाना के मतदाताओं का धन्यवाद करता हूं। मैं उन सभी का भी धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने हमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में वोट दिया। ये चुनाव परिणाम हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहे हैं, परंतु हमें विश्वास है कि हम मेहनत एवं दृढ़ निश्चय से मज़बूती से वापसी करेंगे। हमें इस हार से हताश हुए बग़ैर ‘इंडिया’ के घटक दलों के साथ दोगुने जोश से लोकसभा चुनाव की तैयारी में लग जाना है।’’
'इंडिया' गठबंधन पर क्या होगा असर
विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत ने मध्य प्रदेश की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने कहा, “मेरी स्पष्ट राय है कि मध्य प्रदेश का चुनाव ‘इंडिया’ गठबंधन तहत लड़ा जाना चाहिए था। अगर कुछ सीटें गठबंधन दलों, जैसे कि अखिलेश की पार्टी (समाजवादी पार्टी) के साथ साझा की जातीं, तो कांग्रेस का प्रदर्शन कहीं बेहतर होता। उनकी (अखिलेश की) पार्टी को कुछ क्षेत्रों में अच्छा समर्थन प्राप्त है, जिनमें पार्टी का गढ़ कही जाने वाली 10-12 सीटें भी शामिल हैं।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चीफ शरद पवार ने तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि इन चुनाव परिणामों से गठबंधन पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इससे ‘इंडिया’ गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक करेंगे। हम बैठक के बाद ही इस पर टिप्पणी कर पाएंगे।’’
वहीं जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि चुनावों में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन गायब था। इस बीच मीडिया रिपोर्टस में सूत्रों के हवाले बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बुधवार (6 दिसंबर) को ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में शामिल पार्टियां लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर मीटिंग करेंगे।
पांच राज्यों चुनाव नतीज़ों के बाद एक बात साफ हो गयी है कि अब विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पहले बेहतर तालमेल और एकजुट रह उभरेगा। लिहाजा पीएम मोदी की राह 2024 में आसान होने वाली नहीं है।