नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़त लिखकर कहा है कि हमारे बैंकों के करीब साढ़े आठ लाख करोड़ के कर्ज़ उद्योगपतियों ने नहीं लौटाए हैं और उन पर कार्रवाई न करना पूंजीपतियों के प्रति आपकी निष्ठा को प्रदर्शित है। रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए येचुरी ने कहा है कि कर्जदार कंपनियों के जवाब और सरकार के रुख को देखकर नहीं लगता कि यह पैसा सरकार वापस मिलेगा। अपनी चिट्ठी में येचुरी ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सीएजी के एक बयान का जिक्र किया है जिसमें सीएजी शशिकांत शर्मा ने बैंकों की ओर से दिए गए कर्ज के बड़े हिस्से को देश के बाहर जाने की आशंका जताई है। येचुरी ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया है कि आपने चुनाव के दौरान लोगों से काले धन की वापसी का वादा करते हुए कहा था कि हर व्यक्ति के खाते में 15 से 20 लाख रुपये आएंगे, अगर उसे नज़रअंदाज़ भी किया जाए तो सीएजी के बयान से चिंता होती है कि जो पैसा देश के बाहर जा चूका है वह अब वापस नहीं आएगा। येचुरी ने अपने खत में एनपीए से जूझ रहे बैंकों की हालत ठीक करने के लिए आरबीआई की पूंजी के इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है।
चिट्ठी में सीपीएम महासचिव ने लिखा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार आरबीआई के कैपिटल बेस से 4 से 5 लाख करोड़ रुपये निकालकर एनपीए से परेशान बैंकों की हालत दुरुस्त करना चाहती है, लेकिन यह एक खतरनाक आइडिया है क्योंकि इससे बाहरी और भीतरी आर्थिक संकट से जूझने की आरबीआई की ताकत पर असर पड़ेगा।