नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिपरिषद के विस्तार को सही ठहराते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज (बुधवार) कहा कि 78 मंत्री भारत जैसे विशाल एवं विविधतापूर्ण देश के लिए अधिक नहीं है। अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी और वित्त मंत्री अरूण जेटली से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल पर लोगों और यहां तक कि कुछ विपक्षी नेताओं से भी अनुकूल प्रतिक्रियाएं आयी हैं। उन्होंने कहा कुछ ऐसे लोग भी हैं जो किसी भी चीज पर सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपना सकते। उन्होंने कहा, ‘संविधान प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल के लिए लोकसभा की सदस्य संख्या के 15 फीसदी की इजाजत देता है। हम उसके अंदर ही हैं और यह एक बड़ा देश है। हमें विरासत में ढेरों समस्याएं मिली हैं और एक विशाल प्रयास की जरूरत है।’ नायडू ने कहा, ‘हमारे इतने बड़े देश, हल किये जाने वाले मुद्दों, राज्यों के साथ तालमेल और त्रिस्तरीय संस्थान के लिए मैं समझता हूं कि 78 मंत्री निश्चित ही ज्यादा नहीं हैं।’ विपक्षी दल मंत्रिपरिषद के आकार में वृद्धि पर प्रधानमंत्री के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के मंत्र के आलोक में सवाल खड़ा कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कपड़ा मंत्रालय में भेजे जाने पर नायडू ने संवाददाताओं से इसमें ज्यादा मतलब नहीं निकालने का आह्वान किया और कहा कि विभागों में फेरबदल प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है।