नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (मंगलवार) अपने मंत्रिमंडल में 10 राज्यों से 19 नए मंत्रियों को शामिल किया। शपथ ग्रहण समारोह के बाद नए मंत्रियों को मोदी ने नसीहत दी। उन्होंने कहा है कि पहले जाकर काम सीख लें, फिर स्वागत कराएं। मोदी ने अपना ही उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले 4 महीने काम सीखा। मंत्रिमंडल का विस्तार आने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है। इसे सरकार की छवि को सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। परफॉर्मेंस को आधार बनाकर जो मंत्री अच्छा काम नहीं कर रहे थे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उनके काम की काफी समय से समीक्षा की जा रही थी। पांच मंत्रियों ने इस्तीफा भी दे दिया है, जिनमें निहाल चंद, रामशंकर कठेरिया, सांवरलाल जाट, मनसुख भाई वासवा और एमके कुंडेरिया का नाम शामिल है। मंत्रिपरिषद में जगह देने के लिए उनको योग्यता और कुशलता की कसौटी पर आंका गया। इस संदर्भ में सियासी समीकरणों के लिहाज से जाति, धर्म और अन्य वजहों के चलते मंत्रिपरिषद का विस्तार किया गया है । राजनीति में अनुभव और शिक्षा को चयन में अहमियत दी गई है। इसके अलावा भौगोलिक और सामाजिक विविधता का भी ध्यान रखा गया है। मंत्रिमंडल में राजस्थान के 4, यूपी-मध्य प्रदेश और गुजरात के 3-3 मंत्री शामिल किए गए हैं। प्रकाश जावड़ेकर को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है, लेकिन बाकी किसी मंत्री को प्रमोशन नहीं मिला है।
फग्गन सिंह कुलस्ते, अनिल माधव दवे, एसएस अहलुवालिया, रमेश चंदप्पा, राजेन गोहेन, रामदास अठावले, जसवंत सिंह भाभोर, अर्जुनराम मेघवाल, पुरुषोतम रुपाला,अजय टमटा, महेंद्र नाथ पांडेय, कृष्णा राज, मनसुख भाई मंडविया, अनुप्रिया पटेल, सीआर चौधरी, पीपी चौधरी, सुभाष भामरे और एमजे अकबर को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।