नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मोदी सरकार में फेरबदल और विस्तार की प्रक्रिया आज (मंगलवार) संपन्न होगी, इस कवायद में अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सामाजिक समीकरणों को दुरुस्त करने पर विशेष महत्व दिए जाने की संभावना है । कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें कुर्मी समुदाय कीअनुप्रिया पटेल का नाम प्रमुख है। लोकसभा सदस्य अनुप्रिया भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल की ओबीसी नेता हैं । ये बात दीगर है कि लोकसभा चुनाव के बाद अपना दाल दो फाड़ हो चुका है और अनुप्रिया की माँ कृष्णा पटेल उन्हे अवसरवादी करार देकर पार्टी से निष्कासित कर चुकी हैं। बहरहाल अनुप्रिया और कई अन्य भाजपा नेताओं ने आज पार्टी प्रमुख अमित शाह से मुलाकात की । सूत्रों के मुताबिक, अरुण जेटली को कानून मंत्रालय दिया जा सकता है। वहीं जयंत सिन्हा को तरक्की मिल सकती है। वह राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार वाणिज्य मंत्रालय संभाल सकते हैं। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण को बड़ा मंत्रालय दिया जा सकता है। सदानंद गौड़ा की छुट्टी हो सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली कानून और न्याय मंत्रालय संभाल सकते हैं। जेटली सूचना प्रसारण मंत्री भी रहेंगे। हालांकि जेटली से कॉर्पोरेट अफेयर्स लिया जा सकता है। पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी का प्रमोशन संभव है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रमाशंकर कठेरिया की भी छुट्टी हो सकती है। गुजरात से दो और राजस्थान से दो राज्य मंत्रियों की छुट्टी होगी।
भाजपा की ओर से एस एस अहलूवालिया (लोकसभा ), विजय गोयल ( राज्यसभा ) और राजस्थान के बीकानेर से दलित सांसद पी पी चौधरी का नाम शामिल है । सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड से दलित लोकसभा सदस्य अजय टम्टा , गुजरात से राज्यसभा सदस्य पुरूषोत्तम रूपाला, महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य रामदास अठावले , उत्तर प्रदेश से सांसद महेंद्र नाथ पांडे भी संभावित नामों में शामिल हैं । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल चुनाव होने हैं । उत्तर प्रदेश से दलित भाजपा सांसद कृष्ण राज की भी किस्मत खुल सकती है । पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है । हालांकि शीर्ष मंत्रियों को नहीं छेड़ा जाएगा। सोमवार को दिनभर नए बनने वाले व हटाए जाने वाले मंत्रियों से मिलने के बाद शाम को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आरएसएस के केशव कुंज स्थित कार्यालय जाकर वहां पर संघ नेताओं से मंत्रि परिषद फेरबदल पर व अपनी टीम पर चर्चा की है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी रही कि मंत्रिपरिषद का विस्तार 4 जुलाई को ही होना था, लेकिन इस दिन अमावस्या होने से इसे एक दिन आगे बढ़ाया गया। अमावस्या को शुभ दिन नहीं माना जाता है।