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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताशकंद की दो दिवसीय यात्रा के बाद स्वदेश लौट आए। ताशकंद में उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में हिस्सा लिया तथा रूस एवं चीन समेत विभिन्न देशों के नेताओं से मुलाकात की। उनकी इस यात्रा की मुख्य बात चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग से उनकी भेंट रही जिस दौरान उन्होंने एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की कोशिश के प्रति चीन का समर्थन हासिल करने का प्रयास किया। एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास का चीन विरोध करता रहा है। एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस संगठन के साथ भारत का रिश्ता इस क्षेत्र को कट्टरपंथ एवं हिंसा के खतरे से बचाने में मदद पहुंचाएगा और यह आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाएगा। इस सम्मेलन में भारत के एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने की अंतिम प्रक्रिया शुरू हुई। मोदी ने कहा कि भारत को उर्जा और प्राकतिक संसाधनों के क्षेत्र में इस संगठन की ताकत से बहुत फायदा होगा और भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था एवं विशाल बाजार एससीओ क्षेत्र में आर्थिक वद्धि की रफ्तार तेज करेंगे।

उन्होंने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के अलावा उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस के नेताओं से भी भेंट की।

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