नई दिल्ली: केंद्र द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल द्वारा दिल्ली एवं कुछ अन्य राज्यों में हुए सिख विरोधी दंगों के करीब 186 मामलों की फिर से जांच किए जाने की संभावना है। देश में 1984 के सिख विरोधी दंगों में 3,325 लोग मारे गए थे, जिनमें अकेले दिल्ली में 2,733 लोगों की जान गई थी। शेष लोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य स्थानों पर मारे गये थे। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया 186 मामले हैं, जिन पर फिर से जांच हो सकती है तथा एसआईटी उन पर गौर कर रही है। बहरहाल, इनमें से प्रत्येक मामले में अभियोजन पक्ष को संबंधित अदालतों से अनुमति लेनी पडे़गी। यह कदम पंजाब में विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले उठाया जाने वाला है। दिल्ली पुलिस ने 241 मामलों को साक्ष्य का अभाव दिखाते हुए बंद कर दिया था। न्यायमूर्ति नानावती आयोग ने उनमें से चार को फिर से खोलने की सिफारिश की थी, लेकिन भाजपा उन सभी मामलों पर फिर से जांच चाहती थी। सीबीआई ने केवल चार मामलों को फिर से खोला और फिर से जांच की।
दो मामलों में जांच एजेंसी आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है तथा एक में पूर्व विधायक सहित पांच लोगों को दोषी ठहराया गया है।