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नई दिल्ली: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सोल में हुई बैठक के दौरान भारत की सदस्यता के आवदेन पर कोई निर्णय नहीं किये जाने को ‘भारत के लिए शर्मनाक’ बताते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ये समझने की जरूरत है कि कूटनीति में ‘गहराई और गंभीरता की आवश्यकता होती है सार्वजनिक स्तर पर तमाशे’ की नहीं। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनन्द शर्मा ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि एनएसजी सदस्यता के मुद्दे पर भारत ने अपनी हताशा क्यों जाहिर की और देश की तुलना पाकिस्तान से क्यों होने दी।’ उन्होंने कहा, ‘अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह महसूस करना चाहिए कि कूटनीति में गंभीरता और गहराई की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री मोदी को यह समझने की जरूरत है कि कूटनीति में गंभीरता की जरूरत होती है सार्वजनिक स्तर पर तमाशे की नहीं।’ शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘पूरे विश्व ने देखा कि प्रधानमंत्री ने खुद को और भारत को तमाशा बना दिया। अब भारत को अनावश्यक रूप से शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।’ उन्होंने कहा कि संबद्ध देशों को अपने पक्ष में करने के लिए मोदी सरकार द्वारा किया गया इतना अधिक प्रयास गैर-जरूरी था। शर्मा ने कहा, ‘हम लोगों का मानना है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को इतनी अधिक पैरवी करनी चाहिए थी। एनएसजी देशों के बीच परमाणु व्यापार में जब कोई बाधा नहीं है तो ऐसे में ये अनावश्यक था।’

सोल में 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की पूर्ण बैठक आज समाप्त हो गयी। इसमें भारत की सदस्यता के आवेदन पर कोई निर्णय नहीं किया जा सका क्योंकि परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को सदस्यता देने पर मतभेद थे और चीन ने सदस्यता प्राप्त करने को लेकर भारत की मुहिम का विरोध करने वाले देशों का नेतृत्व किया।

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