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ताशकंद: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत के शामिल होने की अंतिम प्रक्रिया शुरू होने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यह साझेदारी क्षेत्र में खुशहाली लाएगी। साथ ही कट्टरता, हिंसा और आतंकवाद के खतरों से बचाएगी। एससीओ सम्मेलन में मोदी ने कहा कि ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में समूह की ताकत से भारत को महत्वपूर्ण तरीके से लाभ होगा और बदले में भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और बड़ा बाजार एससीओ क्षेत्र में आर्थिक विकास को संचालित कर सकता है। उन्होंने कहा, एससीओ में भारत की सदस्यता क्षेत्र की समृद्धि में योगदान देगी। यह इसकी सुरक्षा को भी मजबूत करेगी। हमारी साझेदारी हमारे समाजों को नफरत, हिंसा और आतंकवाद की कट्टरपंथी विचारधाराओं के खतरों से बचाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत इस लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए एससीओ के सदस्य देशों के साथ एकजुट होगा। हम सभी स्तरों पर आतंकवाद से लड़ने में कतई बर्दाश्त नहीं करने वाला रवैया और व्यापक सोच अपनाएंगे। गहरी आर्थिक साझेदारी की वकालत करते हुए मोदी ने कहा कि व्यापार, निवेश, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कृषि, स्वास्थ्य सुविधाओं, लघु और मध्यम उद्योगों में भारत की क्षमताएं एससीओ के देशों- रूस, चीन, किर्गिजिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में व्यापक आर्थिक लाभ पहुंचा सकती हैं। उन्होंने कहा, हम 40 प्रतिशत मानव जाति और एक अरब से अधिक युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस समूह में भारत एससीओ के दर्शन के अनुरूप सिद्धांतों को जोड़ता है। भारत ने हमेशा यूरेशियाई धरती के लोगों के साथ अच्छे संबंध रखे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम एससीओ की सदस्यता के लिए भारत को जबरदस्त समर्थन देने पर एससीओ के सदस्य राष्ट्रों और उनके नेताओं के प्रति वास्तव में आभारी हैं। पाकिस्तान को भी एससीओ में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं एससीओ के नए सदस्य के तौर पर पाकिस्तान का भी स्वागत करता हूं। भारत ने सम्मेलन में एससीओ के मेमोरेंडम आॠफ आॠब्लिगेशन्स पर दस्तखत किए और पूर्ण रूपेण सदस्य के तौर पर समूह में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू की। भारत को सदस्यता की प्रक्रिया पूरी करने के लिए साल के अंत तक करीब 30 और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने होंगे। चीन की अगुवाई में बने एससीओ को नाटो का मुकाबला करने वाले संगठन के तौर पर देखा जा रहा है। 2001 में हुआ था शंघाई सहयोग संगठन का गठन 06 सदस्य देश हैं फिलहाल। चीन, रुस, उजबेकिस्तान, तजाकिस्तान, किरगिस्तान, कजाकिस्तान। 02 नए सदस्य बन रहे हैं पाकिस्तान और भारत।

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