नई दिल्ली: रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन पर लगातार हमला बोलने के बाद भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नया मोर्चा खोल दिया है। आज (बुधवार) उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम पर हमला बोलते हुए उनको बर्खास्त करने की मांग कर डाली। हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा भारतीय जनता पार्टी तुरंत मुख्य आर्थिक सलाहकार के बचाव में उतर आए और स्वामी के बयान को खारिज कर दिया। यह उन अटकलों पर विराम लगाने का प्रयास था कि क्या स्वामी के बयान को सरकार या पार्टी में किसी का समर्थन हासिल है। वित्त मंत्री ने अरविंद सुब्रमण्यम पर स्वामी के हमले को दरकिनार करते हुए यह कहकर उनका बचाव किया कि सरकार को उन पर पूरा भरोसा है और उनकी सलाह सरकार के लिये काफी कीमती होती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में मीडिया को जानकारी देने के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में जेटली ने पार्टी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा स्वामी के विचारों से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे स्वामी के विचारों से सहमत नहीं हैं। वित्त मंत्री ने अरविंद सुब्रमण्यम का बचाव करते हुए कहा, दरअसल, अभी-अभी कपड़ा एवं परिधान क्षेत्र के बारे में जो प्रस्तुति (मंत्रिमंडल के फैसले पर मीडिया ब्रीफिंग में) दी गई वह उनके सक्रिय परामर्श के साथ तैयार किया गया।
जेटली ने कहा, भारतीय राजनीतिज्ञों के अनुशासन के लिहाज से, हमें ऐसे लोगों पर किस हद तक हमला करना चाहिये, जो कि सरकार में होने की वजह से अनुशासन के चलते जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं। और अब यह एक से अधिक बार हो चुका है। एक संवाददाता द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या स्वामी जैसे लोगों पर लगाम नहीं कसी जानी चाहिए, जेटली ने जवाब दिया आपके सुझाव के लिए धन्यवाद।भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि पार्टी स्वामी द्वारा सुब्रमण्यम की आलोचना से सहमत नहीं है और यह पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत विचार है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पूर्व अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम पर हमला बोलते हुए स्वामी ने आईएमएफ में रहते उनके द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था पर की गई कुछ टिप्पणियों का हवाला दिया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने अक्तूबर, 2014 में सुब्रमण्यम को मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर नियुक्त किया था। स्वामी ने निशाना उस समय साधा है जब ऐसी खबरें आ रही हैं कि अरविंद सुब्रमण्यम को देश के केंद्रीय बैंक के प्रमुख के तौर पर राजन के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में माना जा रहा है।