नई दिल्ली: विभिन्न राजनीतिक दलों ने आज (शुक्रवार) पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के निधन पर शोक जताया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें अपने दम पर अपनी जगह बनाने वाला नेता बताया। संगमा के निधन पर शोक और दुख जाहिर करते हुए उनके संसदीय सहयोगियों ने 11वीं लोकसभा में बतौर स्पीकर उनके कार्यकाल को याद किया। सदस्यों ने उनके मैत्रीपूर्ण व्यवहार और मिलनसार व्यक्तित्व को याद किया जो हर किसी को उनकी ओर खींचता था। प्रधानमंत्री ने संगमा के निधन पर शोक जाहिर करते हुए उन्हें अपनी मेहनत के बल पर राजनीतिक परिदृश्य और समाज में जगह बनाने वाला नेता बताया। मोदी ने साथ ही कहा कि पूर्वोत्तर के विकास में संगमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है और वह उनके निधन से दुखी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोकसभा स्पीकर के तौर पर संगमा के कार्यकाल को ‘भुलाया नहीं जा सकता।
उनका जमीन से जुड़ा विनम्र व्यक्तित्व और उनके मिलनसार स्वभाव ने हर किसी को आकर्षित किया।’ मोदी ने साथ ही कहा, ‘संगमाजी नेताजी बोस से गहरे तक प्रभावित थे।’ संगमा नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे और 11वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभाली। वह 1988 से 1990 के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री और 1990 से 1991 तक राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष रहे। एक सितंबर 1947 को मेघालय के पश्चिमी गारो हिल्स जिले की खूबसूरत वादियों में बसे गांव छपाहाती में जन्मे संगमा का बचपन इसी छोटे से आदिवासी गांव में बीता और उन्होंने जीवनभर कड़ा संघर्ष किया। सेंट एंथनी कालेज से स्नातक करने के बाद वह असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए चले गए, जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय पर स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की और उसके बाद उन्होंने विधि विषय में भी डिग्री हासिल की। राजनीतिक रूप से कांग्रेसी रहे संगमा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक सदस्य थे लेकिन जुलाई 2012 में राकांपा से निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने जनवरी 2013 में नेशनल पीपुल्स पार्टी का गठन किया था। भारत के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने से इंकार करने के चलते राकांपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था। लोकसभा में मेघालय की तुरा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले संगमा के निधन पर शोक जताते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘वह बेहद प्रभावशाली और सफल अध्यक्ष थे। यह बहुत सदमे में डालने वाली खबर है क्योंकि वह पूरी तरह फिट और सक्रिय थे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में संगमा के निधन की सूचना दी। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उनके सम्मान में सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘वह मेरे अच्छे मित्र और जिंदादिल इंसान थे। बतौर लोकसभा अध्यक्ष उन्होंने जो काम किया उसे देश और संसद द्वारा याद किया जाएगा, खासतौर से उन्होंने पूर्वोत्तर के विकास के लिए जो काम किया। हमने एक आदर्श स्पीकर खो दिया।’ कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद संगमा को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा पसंद किया जाता था। थरूर ने कहा, ‘यह हम सभी के लिए बेहद दुखद और सकते में डालने वाली खबर है क्योंकि दो दिन पहले तक तो वह सदन में थे। उन्होंने तो राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने के लिए अपना नाम भी दिया था।’ उन्होंने कहा, ‘उनके साथ लोगों के जो भी राजनीतिक मतभेद रहे हों वे एक बहुत लोकप्रिय हस्ती थे। हर कोई उन्हें पसंद करता था और उनकी सराहना करता था। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें हर कोई चाहता है।’ कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं । भारत ने पूर्वोत्तर का एक महत्वपूर्ण नेता खो दिया। वह 41 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बन गए थे।’ केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि संगमा एक वरिष्ठ सांसद और एक ‘सच्चे राष्ट्रवादी’ थे।