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नई दिल्ली: पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद रक्षा मंत्रालय ने एक बैठक की। इस बैठक के बाद बताया गया कि वायुसेना अपने प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर और बंदोबस्त करे। खबर है कि भारतीय वायुसेना अपनी सुरक्षा को लेकर और चौकस हो गई है। इसी का नतीजा है कि उसने पश्चिमी कमान के अंदर आने वाले करीब 20 एयरबेस पर हाईअलर्ट जारी कर दिया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर कोई गैरकानूनी ढंग से एयरबेस के अंदर दाखिल होने की कोशिश करता है तो सुरक्षा में तैनात गार्ड को ये अधिकार होगा कि वो उसे गोली मार दे। वायुसेना का पश्चिमी कमान का क्षेत्र सूरतगढ़ से लेकर लेह तक फैला है। यही नहीं पठानकोट पर हुए हमले के बाद वायुसेना ने अपने 54 एयरबेस की सिक्युरिटी ऑडिट भी करवाया है।

इसके तहत सभी एयरबेस में खतरे के मुताबिक सुरक्षा और कड़ी की जाएगी। मसलन अब हर एयरबेस में स्मार्ट फेंसिंग लगाये जाएंगे, ये एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक सेंसर होता है जिसके जरिये न केवल ये तस्वीर ले सकता है बल्कि कंपन या आवाज होने पर उसे तुरंत पकड़ लेता है। सीसीटीवी कैमरा, थर्मल कैमरा सहित क्वाड्रा टाइप का ड्रोन और मोशन सेंसर भी लगाए जाएंगे। मौजूदा तकनीक को अपग्रेड किया जाएगा। इसकी वजह से हर एयरबेस पर करीब 100 से 150 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ऐसा प्रस्ताव वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को भेजा है। उसमें कहा गया है कि जैसे ही इसकी मंजूरी मिलेगी उसपर अमल किया जाएगा। वायुसेना अपनी स्पेशल फोर्स गरुड़ कमांडो की संख्या और बढ़ाएगी। साथ में इसके ट्रेनिंग पर और ध्यान दिया जाएगा। राज्य सरकारों से वायुसेना ने अनुरोध किया है कि वो एयरबेस के पास हुए अतिक्रमण को हटाए ताकि बेस की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। गौरतलब है कि पठानकोट एयरबेस पर सुरक्षा में सेंध लगाते हुए आतंकियों ने सात जवानों को मार दिया था। हालांकि अब भी वायुसेना इसे विफलता नहीं कमजोरी मानती है। उसका कहना है कि आतंकी सुरक्षा का दूसरा घेरा तोड़ नहीं पाए थे।

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