नई दिल्ली: पाकिस्तान के कराची शहर में एक साहित्य महोत्सव में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने अभिनेता अनुपम खेर को वीजा देने से इंकार कर दिया है। इसको लेकर खेर ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर उनके रूख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके समर्थन के कारण इस्लामाबाद की ओर से यह फैसला किया गया होगा। अनुपम खेर को तीसरी बार पाकिस्तान का वीजा देने से मना किया गया है। इस चार दिवसीय समारोह के लिए आयोजकों ने 18 भारतीयों को आमंत्रित किया था। खेर उनमें से एक थे। खेर एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें वीजा नहीं मिल सका। अन्य 17 लोगों में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और अभिनेत्री नंदिता दास शामिल हैं। अभिनेता अनुपम खेर ने कहा, मैं नाराज नाराज नहीं हूं, मैं आहत और परेशान हूं।
बस मैं कारण जानना चाहता हूं। 18 लोगों में से सिर्फ मुझे क्यों मना किया गया। उन्होंने कहा, यह इसलिए भी हो सकता है क्योंकि मैं कश्मीरी पंडित हूं, मैं कश्मीरी पंडितों का कार्ड नहीं खेल रहा हूं और लोगों को बांटने की कोशिश नहीं कर रहा हूं अथवा यह भी हो सकता है कि मैने असहिष्णुता के मुद्दे पर बोला है, रूख अपनाया है और अपने प्रधानमंत्री की तारीफ की है। अन्यथा, कोई ऐसा उचित कारण नहीं है कि मुझे वीजा देने से मना किया जाए। यह तीसरी बार हुआ है। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग ने दावा किया है कि खेर ने वीजा के लिए आवेदन ही नहीं किया। कुछ ही दिन पहले भाजपा के शुभचिंतक खेर को पद्म भूषण से सम्मानित करने का ऐलान हुआ था। कराची साहित्य महोत्सव के आयोजकों का कहना है कि वे अभिनेता को वीजा नहीं दिए जाने के कारणों से अनजान हैं। कराची साहित्य महोत्सव की प्रवक्ता अमीना सैयद ने कहा कि उनको नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से सलाह दी गई कि वे खेर से कहें कि वह वीजा का आवेदन नहीं करें क्योंकि उनको वीजा जारी नहीं होगा। अमीना ने कहा, ये बातें हमें कही गई। उन्होंने हमसे कहा कि शेष 17 मेहमानों को वीजा के लिए आवेदन करना चाहिए क्योंकि उनको वीजा जारी किया जाएगा। अनुपम खेर ने पाकिस्तानी उच्चायोग के दावे को झूठ करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने उनके वीजा के लिए मंजूरी नहीं भेजी, जबकि महोत्सव के आयोजकों ने इस मामले को पूरे जोरशोर से उठाया था। उन्होंने कहा कि वह असहाय महसूस कर रहे हैं और इस सरकार से आग्रह करेंगे कि वह यह मुद्दा पाकिस्तान के समक्ष उठाए। महोत्सव के प्रस्तावित सत्र में खेर के साथ संबोधन देने वाले प्रकाशक अशोक चोपड़ा ने कहा कि वह खेर के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। नंदिता दास ने कहा कि वीजा का मुद्दा दावों और जवाबी दावों के बीच फंस गया है। भारत में असहिष्णुता के बारे में बात करने वालों पर कटाक्ष करते हुए खेर ने कहा, जिन लोगों ने भारत के असहिष्णुता की बात की थी उनको इस मुद्दे पर आगे आना चाहिए। अभिनेता ने कहा, मुझे लगता है कि जब दोनों ओर से मित्रता बढ़ाने का माहौल था तब यह बड़े अवरोध है जो नहीं होना चाहिए था। यह पूछे जाने पर कि क्या सुरक्षा कारणों से उनको वीजा नहीं दिया गया तो उन्होंने कहा, मैं नहीं समझ पाता कि मैं कैसे सुरक्षा खतरा हो सकता हूं। मैं चरमपंथी नहीं हूं। खेर ने महोत्सव के आयोजकों के साथ ईमेल की बातचीत का ब्यौरा पेश करते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तानी उच्चायोग इस मुद्दे पर गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, मैं दुखी और निराश हूं कि इतने लोगों को वीजा दिया गया, लेकिन मुझे वीजा नहीं दिया गया। हम उनके कलाकारों का भारत में स्वागत करते हैं। अगर भारत में एक जगह पर उनकी प्रस्तुति पर आपत्तियां होती है तो दूसरे जगह उनका स्वागत होता है। लेकिन यह पारस्परिक नहीं है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर पाकिस्तानी उच्चायोग में मीडिया विभाग के प्रमुख मंजूर मेमन ने कहा कि खेर ने उच्चायोग में कभी वीजा का आवेदन नहीं किया, ऐसे में उनको वीजा जारी करने या इससे इंकार करने का सवाल कहां उठता है। खेर को पिछले साल मई महीने में भी लाहौर में एक पाकिस्तानी एनजीओ के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वीजा नहीं दिया गया था और इस फैसले को लेकर सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया था। आवेदन नही देने की पाकिस्तानी उच्चायोग की दलील को खारिज करते हुए खेर ने कहा कि यह हास्यास्पद स्पष्टीकरण है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने वीजा की औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं। खेर ने कहा, मैं नहीं जानता कि उन्होंने वीजा से क्यों इंकार किया है। क्या यह मेरी देशभक्ति की वजह से हुआ क्योंकि मैं अपने देश के बारे में बात करता हूं। क्या यह इसलिए कि मैं उस देश में जाकर अपने देश की आलोचना नहीं करता। मैं आतंकवादियों की भाषा नहीं बोलता। ऐसे लाखों कारण हो सकते हैं। अभिनेता का कहना है कि उन्होंने पाकस्तान में भारत, इसकी सहिष्णुता और कुछ अन्य मुद्दों पर बात करने की योजना बनाई थी। कराची में पाकिस्तान सरकार के सूत्रों ने कहा कि खेर बहुत ज्यादा सक्रिय हैं और सोशल मीडिया पर धर्म एवं भारत-पाक संबंधों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर मुखर हैं, इसलिए उनसे आवेदन सौंपने के लिए नहीं कहा गया था। महोत्सव की प्रवक्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम में अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और बांग्लादेश तथा कुछ अन्य देशों से करीब 35 लोगों को आमंत्रित किया गया है। खेर ने कहा काश मैं जान पाता। मैं सोच रहा हूं कि क्या यह मेरे कश्मीरी पंडित होने या भारत में सहिष्णुता पर बहस में मेरे विचारों या मेरे प्रधानमंत्री समर्थक होने के कारण हुआ है। खेर ने बताया कि वीजा नहीं मिलने के कारण महोत्सव के आयोजकों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और उन्होंने मुक्षसे खेद जताया है। उधर, भाजपा ने खेर को वीजा नहीं दिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुपम खेर को वीजा देने से मना किया गया है। यह दोनों देशों के बीच के लोगों के बीच संपर्क के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर छदम धर्मनिरपेक्षतावादियों की चुप्पी शर्मनाक है।