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नई दिल्ली: घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में संसद की सदस्यता से बर्खास्त की गई तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग से केंद्रीय एजेंसी की शिकायत की है। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में कृष्णनगर से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार मोइत्रा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अपने ठिकाने पर सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी को गैर कानूनी बताया है।

महुआ मोइत्रा ने लिखा चुनाव आयोग को पत्र

इसके साथ ही महुआ मोइत्रा ने सीबीआई पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की है। टीएमसी नेता मोइत्रा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि सीबीआई उन्हें "परेशान" कर रही है और "उनके चुनाव प्रचार में बाधा उत्पन्न करने के प्रयास कर रही है।

'सीबीआई का मकसद है परेशान करना'

दरअसल, सीबीआई ने रविवार (23 मार्च) को अलीपुर सहित महुआ मोइत्रा के संसदीय क्षेत्र कृष्णानगर के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी।

इसके पहले सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसे लेकर महुआ मोइत्रा ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को पत्र में कहा कि सीबीआई जांच का उद्देश्य उनके लोकसभा चुनाव अभियान को “परेशान करना और चुनाव प्रचार अभियान को रोकना” था। महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान “केंद्रीय जांच एजेंसियों” की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए तुरंत दिशानिर्देश जारी करें।

महुआ मोइत्रा ने कहा- केंद्रीय एजेंसियों के लिए जारी हो दिशा निर्देश

कृष्णानगर से टीएमसी की उम्मीदवार मोइत्रा ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा जांच और छापेमारी के संबंध में “दिशानिर्देश तत्काल जारी करने की आवश्यकता” है। मेरी उम्मीदवारी के बारे में जानने के बावजूद सीबीआई ने जानबूझकर मेरी चार अलग-अलग संपत्तियों पर लगातार चार छापे मारने का फैसला किया है। यह मेरी चुनाव अभियान प्रक्रिया में बाधा डालने और मेरे बारे में नकारात्मक धारणा बनाने के एकमात्र इरादे से किया गया था, जबकि छापेमारी के दौरान सीबीआई को कुछ भी हाथ नहीं लगा और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था।

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