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चंडीगढ़: हरियाणा की सैनी सरकार ने बुधवार को विधानसभा में विश्वासमत का सामना किया। सदन के अंदर यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पास हो गया। खास बात ये है कि इस विश्वासमत को लेकर जेजेपी ने अपने सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी कर कहा था कि कोई भी विधायक सदन में पेश ना हो। लेकिन व्हिप जारी करने के बावजूद जेजेपी के पांच विधायक सदन पहुंच गए। हालांकि, विश्वासमत पेश होने से पहले ही ये सभी पांच विधायक सदन से बाहर हो गए। इस तरह जेजेपी के सभी 10 विधायक विश्वास मत के दौरान सदन में गैर-हाजिर रहे।

वहीं, विश्वास मत के दौरान निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी सदन से बाहर निकले। हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है। जबकि बीजेपी के पास कुल अपने विधायक 41 हैं। जबकि बहुमत का आंकड़ा 46 है। ऐसे में जेजेपी के सभी 10 विधायकों (पांच सदन में आए ही नहीं जबकि जो पांच आए वो सदन से आकर लौट गए) और एक निर्दलीय विधायक के बाहर आने के साथ ही अब विधानसभा में कुल संख्या 79 है। जिसके मुताबिक बहुमत का आंकड़ा 40 है। जबकि सदन में बीजेपी के पास अपने विधायक 41 हैं।

बता दें कि नायब सिंह सैनी ने मंगलवार हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली थी। मंगलवार की सुबह मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ही राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नायब सिंह सैनी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सैनी के अलावा कंवरपाल गुज्जर और मूलचंद शर्मा ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। कंवरपाल मनोहर पार्ट-2 सरकार में शिक्षा मंत्री थे, जबकि मूलचंद शर्मा पिछली सरकार में परिवहन मंत्री थे। साथ ही रणजीत सिंह, जयप्रकाश दलाल और डॉ. बनवारी लाल ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है।

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मंगलवार को हरियाणा की राजनीति में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। सीएम खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ ही देर बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया।

 

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