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अमरावती: आंध्र प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही में अवरोध डालने पर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 10 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। बता दें कि विधायकों पर लगातार पांचवे दिन यह कार्रवाई की गई। 

विधायकों के निलंबन के विरोध में तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू समेत पार्टी के दूसरे नेताओं ने विधानसभा से बहिर्गमन किया। टीडीपी ने एमजीएनआरईजीपी के तहत लंबित भुगतान के मामले में कार्य स्थगन प्रस्ताव के लिए एक नोटिस दिया और तुरंत चर्चा कराने की मांग की।

विधानसभा अध्यक्ष टी सीताराम ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। टीडीपी सदस्यों ने एनआरईजीपी के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए जोर दिया क्योंकि लाखों कामगारों को पिछले एक साल से ज्यादा समय से वेतन का भगुतान नहीं किया गया है। सदस्य आसन के पास जाकर नारेबाजी करने लगे।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश यूयू ललित ने सोमवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ न्यायपालिका पर आरोप लगाने के मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।

न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि, 'मेरे लिए मुश्किल है। वकील के तौर पर मैंने एक पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था। मैं इसे उस पीठ के समय सूचीबद्ध करने के लिए आदेश पारित करुंगा जिसमें मैं नहीं रहूं।' न्यायमूर्ति ललित, न्यायमूर्ति विनीत सरण और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की पीठ को सोमवार को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी।

इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि रेड्डी ने न केवल न्यायपालिका के खिलाफ आरोप लगाते हुए प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा, बल्कि एक संवाददाता सम्मेलन करके झूठे बयान भी दिए।

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को सीएम पद से हटाने की मांग करते हुए दो अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में न्यायाधीश एनवी रमन्ना के खिलाफ सीएम जगन मोहन रेड्डी की कथित टिप्पणियों को लेकर अदालत से उन्हें हटाए जाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।

बता दें कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को  एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश और संभवत: अगले  मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना पर आरोप लगाते हुए लिखा था कि वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कामकाज में दखल देते हैं।

रेड्डी ने इस चिट्ठी में लिखा था, 'टीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से जस्टिस रमन्ना की नजदीकी जगजाहिर है। वह हाईकोर्ट की बैठकों को प्रभावित करते हैं। इसमें कुछ जजों के रोस्टर भी शामिल हैं।

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने आज कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णयों को लेकर सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जाएगी। अदालत ने राज्य की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 49 नेताओं और कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है। 

न्यायमूर्ति राकेश कुमार और न्यायमूर्ति जे उमा देवी की पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की जांच पर नाराजगी जताई और कहा कि वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ मामला सिर्फ इसलिए दर्ज नहीं किया गया, ताकि उन्हें बचाया जा सके।

इसका आदेश मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश से शिकायत करने के कुछ दिनों बाद आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और चार अन्य न्यायाधीश उनकी चुनी हुई सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे। उच्च न्यायालय ने आज कहा कि सीबीआई को उन सभी के खिलाफ मामले दर्ज करने चाहिए जिन्होंने जजों की निंदा की है।

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