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अमरावती: ब्रिटेन से आंध्र प्रदेश के राजामहेंद्रवरम में आई 47 वर्षीय महिला में नए प्रकार के कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। लेकिन, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि प्रदेश में नए वायरस का संक्रमण नहीं फैला है। राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त कतमनेनी भास्कर ने हैदराबाद के कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ब्रिटेन से लौटे 12 यात्रियों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इनमें से केवल महिला ही नए प्रकार के वायरस से संक्रमित पाई गई।

भास्कर ने एक विज्ञप्ति में कहा, 'महिला के बेटे में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई जबकि महिला के संपर्क में आया एक व्यक्ति भी संक्रमित नहीं मिला है।' उन्होंने कहा, 'राज्य में नए प्रकार के कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैला है। हम लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और घबराने की बात नहीं है। मैं लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करता हूं।' भास्कर ने कहा कि हालिया दिनों में ब्रिटेन से 1432 लोग राज्य आए थे और उनमें से 1406 का पता लगा लिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘हमने सभी नमूनों को जीनोम जांच के लिए हैदरबाद में सीसीएमबी के पास भेज दिया है। हमें 23 नमूनों के नतीजों का इंतजार है।’

इन लोगों की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

ऐसे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री 'जीनोम सीक्वेंसिंग' का हिस्सा होंगे जो नौ से 22 दिसंबर तक भारत पहुंचे हैं और कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। केंद्र यह कवायद इसलिए कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं ये लोग वायरस के उस नए प्रकार से तो संक्रमित नहीं हैं जो हाल में ब्रिटेन में पाया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी 'जीनोमिक सीक्वेंसिंग' दिशा-निर्देशों से संबंधित दस्तावेज में कहा गया है, 'पिछले 14 दिन (नौ से 22 दिसंबर के बीच) में भारत पहुंचे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री, यदि उनमें लक्षण हैं और संक्रमित पाए गए हैं, तो वे जीनोम सीक्वेंसिंग का हिस्सा बनेंगे।'

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में पाया गया कोराना वायरस का नया प्रकार अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी मिल चुका है। वैज्ञानिकों को अनुसार यह नया स्ट्रेन मूल वायरस के मुकाबले 70 फीसदी अधिक संक्रामक है।

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