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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में सुलह की कोशिशों के बीच यहाँ सपा दफ्तर में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हमारी पार्टी की एकता में बाधा नहीं पड़नी चाहिए। मुझे मालूम है कौन पार्टी को तोड़ने में लगा है। पार्टी की एकता के लिए पूरा समय दिया है। मुलायम सिंह ने कहा कि मेरे पास जो कुछ भी था सब दे दिया। उन्होंने कहा बहुत संघर्ष के बाद समाजवादी पार्टी बनी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के एक रहने का पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि अब मेरे पास केवल आप (समर्थक) हैं। उन्होंने कहा कि जनता पर मुझे पूरा भरोसा है। मुलायम सिंह ने कहा कि मैं पार्टी नहीं टूटने दूंगा। उन्होंने कहा कि हम हर कीमत पर पार्टी की एकता बरकरार रखेंगे। अखिलेश से मंगलवार को डेढ़ घंटे चली बातचीत के बाद कोई हल न निकलने के बाद मुलायम स‌िंह यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रामगोपाल पर जमकर गुस्सा निकाला। मुलायम स‌िंह ने कहा, मैं पार्टी को एक रखना चाहता हूं और साइकिल भी अपने पास रखना चाहता हूं। मैंने अ‌खिलेश से कहा क‌ि तुम्हें मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है, तुम्हें च‌िंता करने की जरूरत नहीं है। हम पार्टी को बचाना चाहते हैं। पार्टी को बचाने के लिए सबकुछ करूंगा। मैं दिल्ली जा रहा हूं। राम गोपाल दूसरी पार्टी के अध्यक्ष से चार बार मिल चुके हैं। अगर हमसे कहते तो हम उनके बहू-बेटे को बचा लेते मगर वह गलत हाथों में खेल रहे हैं। अब हमारे पास कार्यकर्ता बचे हैं, हम पार्टी बचाएंगे। उन्होंने कहा क‌ि रामगोपाल अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी बना रहे हैं और मोटर साइकिल चुनाव चिह्न मांग रहे हैं लेकिन हम न पार्टी का नाम बदलेंगे और न ही स‌िंबल।

मुलायम ने कहा, मैंने पार्टी बनाने के ल‌िए बहुत संघर्ष किया, लाठी भी खाई, आपातकाल झेला और जेल भी गए। अखिलेश तब दो ढाई साल के होंगे, हम तबसे संघर्ष कर रहे हैं। मुलायम ने कहा क‌ि जो मेरे पास था, मैंने सब कुछ दे दिया। उन्होंने कहा क‌ि हमारी पार्टी की एकता में बाधा नहीं आनी चाह‌िए। कहा क‌ि मुझे कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है क‌ि पार्टी का अहित नहीं होने देंगे। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी में पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है। मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के कुछ मुद्दों को लेकर विवाद हो गया। अखिलेश यादव के समर्थकों ने पार्टी का विशेष अधिवेशन बुलाकर अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया था और मुलायम सिंह यादव को संरक्षक की भूमिका दे दी गई थी। मुलायम सिंह दावा कर रहे हैं कि यह अधिवेशन अवैध है और वह अभी भी पार्टी के अध्यक्ष हैं। मामला चुनाव के पहले होने की वजह से चुनाव आयोग आ गया है। दोनों ही खेमों ने पार्टी और चुनाव चिहन पर दावा किया है। चुनाव आयोग इस मामले को देख रहा है। जानकारों का मानना है कि यदि निर्णय जल्दी नहीं आया तो चुनाव चिह्न जब्त हो सकता है।

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