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नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं, लेकिन सपा में आंतरिक कलह खत्म होती नज़र नहीं आ रही है। दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। लिहाज़ा पार्टी में विभाजन तय माना जा रहा है। आज (रविवार) मुलायम सिंह यादव के रुख से साफ़ हो गया कि आगामी चुनाव दोनों पक्ष अलग-अलग लड़ेंगे। आज दिल्ली स्थित मुलायम सिंह के आवास पर बैठक हुई। बैठक में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह और अमर सिंह मौजूद थे। बैठक के बाद मुलायम सिंह ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं। शिवपाल यादव यूपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। मुलायम ने कहा कि रामगोपाल यादव ने सपा की जो बैठक बुलाई है वह फर्जी है। मुलायम ने कहा कि रामगोपाल यादव सपा से छह साल के लिए निष्कासित हैं। बैठक से पहले मुलायम ने कुछ कार्यकार्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान मुलायम सिंह के साथ अमर सिंह भी मौज़ूद थे। गौरतलब है कि चुनाव चिन्ह को लेकर मुलायम सिंह यादव को सोमवार को चुनाव आयोग से मिलना है।रविवार को मुलायम सिंह यादव दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंचने से पहले मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में कहा कि जब सपा में कोई विवाद है ही नहीं, तो समझौता कैसा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारियां शुरू करने को कहा। जानकारी मिली है कि वे सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे और साइकिल पर अपना दावा ठोकेंगे।

शनिवार को सपा में बैठक और मुलाकातों का दौर चला लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव आज अचानक पार्टी दफ्तर पहुंचे। कुछ देर वहां रुके और कुछ जरूरी कागजात लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। मुलायम सिंह यादव अखिलेश पर कड़ा रूख अपना सकते हैं। वे चुनाव आयोग को अखिलेश के हलफनामे का जवाब दे सकते हैं और साइकिल पर दावा ठोक सकेत हैं। बता दें कि लखनऊ पार्टी दफ्तर पर अखिलेश समर्थकों ने कब्जा कर लिया था। गौरतलब है कि बीते दिनों लखनऊ में मुलायम सिंह के घर पर बैठकों का दौर चला। आजम खान समेत कई वरिष्ठ नेता पिता पुत्र को मनाने की कोशिश में जुटे रहे। इस दौरान एक भी नेता मीडिया से मुखातिब नहीं हुए। अंबिका चौधरी ने काफी पूछने पर सिर्फ इतना कहा कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक है। पार्टी एक हो जाएगी। बैठक में क्या बातें हुई, इस सवाल पर सिर्फ इतना कहा कि इसकी जानकारी जल्द दे दी जाएगी। बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह, राम गोपाल, नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा से काफी खफा हैं।

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