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अहमदाबाद: भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने आज कहा कि न्यायपालिका के सामने असली चुनौती उन पुराने मामलों को निपटाने की है, जो अदालतों में अटके हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि छोटे मामलों को निपटाना आसपास के गंदे कूड़ाघर को साफ करने जैसा है। गुजरात राज्य न्यायिक अकादमी का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति ठाकुर ने याद किया कि जब वह पंजाब एवं हरियाणा के मुख्य न्यायाधीश थे, उन्होंने दोनों राज्यों में लोक अदालतें आयोजित की थीं और 14 लाख मामलों का निपटारा किया था। उन्होंने कहा, ‘लेकिन तब हमने सोचा कि छोटे मामलों को निपटाना हाथ में झाड़ू लेकर पास के कूड़ा घर को साफ करने जैसा है। असली चुनौती पुराने मामलों पर गौर करने में है जो अदालतों में अटके हुए हैं।’ सीजेआई ने कहा कि इस मुद्दे पर गौर करने के लिए फिर उन्होंने दोनों राज्यों के न्यायाधीशों से सबसे पुराने दीवानी और फौजदारी के 200 मामलों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने के बाद हमने उनसे कहा कि अब लक्ष्य इन सबसे पुराने मामलों के निपटारे पर है क्योंकि सामान्य मामलों को निपटाना पर्याप्त नहीं है।

हमें पुराने, दीर्घकालीन मामलों को निपटाना चाहिए।

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