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नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को मतदान होना है। पहले चरण में 89 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले कुल 788 उम्मीदवारों में से 167 उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार शीर्ष पर हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से गुरुवार को रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि आप के 32 उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामने कर रहे हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस और तीसरे पर भाजपा है।

आप के 36 फीसदी उम्मीदवार दागी

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, आपराधिक मामलों वाले 167 उम्मीदवारों में से 100 पर हत्या या बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं। इसके साथ ही कुल उम्मीदवारों में 21 फीसदी पर आपराधिक मामले हैं, जबकि 13 फीसदी पर गंभीर आरोप हैं। आम आदमी पार्टी (आप) कुल 89 सीटों में से 88 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके 36 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी (आप) के 30 फीसदी उम्मीदवार हत्या, बलात्कार, हमला, अपहरण जैसे गंभीर मामलों का सामना कर रहे हैं। आप द्वारा मैदान में उतार गए आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या 32 है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह पार्टी राज्य में स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा करते हुए प्रचार में जुटी है।

35 फीसदी दागी उम्मीदवारों के साथ दूसरे नंबर पर कांग्रेस

इसके बाद सबसे ज्यादा आपराधिक उम्मीदवारों वाली पार्टी कांग्रेस है। उसके 35 फीसदी उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। वहीं 20 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर मामले चल रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे पुरानी पार्टी पहले चरण में सभी 89 सीटों पर चनाव लड़ रही है। कांग्रेस के आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या 31 है।

पहले चरण में भाजपा के 16 फीसदी उम्मीदवार दागी

वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा भी पहले चरण में सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि प्रतिशत के लिहाज से ऐसे उम्मीदवारों की कुल संख्या का 16 फीसदी है और 12 फीसदी उम्मीदवार गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

बीटीपी के 14 उम्मीदवार मैदान में, 29 फीसदी दागी

भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 14 फीसदी उम्मीदवार पहले चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें चार उम्मीदवार (29 फीसदी) आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। उसके कुल सात फीसदी उम्मीदवारों पर इस बार गंभीर आपराधिक मामले हैं। एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया हैकि 2017 के विधानसभा चुनावों में पहले चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में से 15 फीसदी दागी थे, जबकि आठ फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले थे।

रिपोर्ट में बताया गया है कि गंभीर आपराधिक मामलों वाले कुछ उम्मीदवारों में भाजपा के जनक तलविया और कांग्रेस के वसंत पटेल भी शामिल हैं। आपराधिक रिकॉर्ड वाले अन्य उम्मीदवारों में भाजपा के पुरुषोत्तम सोलंकी, कांग्रेस के गनीबेन ठाकोर और जिग्नेश मेवानी, आप के गोपाल इटालिया और अल्पेश कठेरिया शामिल हैं।

2017 के विस चुनाव के पहले चरण में थे 70 दागी उम्मीदवार

पहले चरण के 167 उम्मीदवारों में से 100 ने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है, उसमें उन्हें अपने ऊपर गंभीर मामले घोषित किए हैं। इनमें महिला खिलाफ अपराध के नौ मामले, हत्या के तीन मामले और हत्या के प्रयास के 12 मामले शामिल हैं। 2017 में पहले चरण में ऐसे 78 उम्मीदवार मैदान में थे। पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 36, भाजपा के 25 और बीटीपी के 67 दागी उम्मीदवार पहले चरण में मैदान में थे।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट के 25 सितंबर, 2018 के आदेश के अनुसार, सभी राजनीतिक दलों को लंबित आपराधिक मामलों और ऐसे उम्मीदवारों के चयन की वजहों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है। इसके साथ ही जानकारी को एक स्थानीय और एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित करना व आधिकारिक सोशल मीडिया मंच पर अपलोड करना अनिवार्य है।

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