नई दिल्ली: गुजरात के मनसा में प्रशासन की इजाजत के बिना चुनावी जनसभा करने के आरोप में पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में हार्दिक पटेल के सहयोगी और दूसरे पाटीदार नेता दिनेश बामनिया और दिनेश पटेल का भी नाम शामिल है।
एफआईआर को लेकर कहा गया है कि चुनावी रैली करने के लिए हार्दिक पटेल ने चुनाव आयोग से इजाजत नहीं ली थी। पाटीदार अनामत आंदोलन के अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने 18 नवंबर को गुजरात की राजधानी गांधीनगर के मनसा में विशाल जनसभा की थी।
मनसा में ही हार्दिक पटेल ने कहा था कि अगर इस चुनाव में बीजेपी जीतती है तो यह 6 करोड़ गुजरातियों की हार होगी। हार्दिक पटेल ने गांधीनगर में रैली की इजाजत नहीं मिलने को लेकर भी गुजरात की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था। हार्दिक पटेल ने कहा था, 'आचारसंहिता लगने के बाद भी सत्ता का हुकुम चलता हैं?
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कहा था, 'कलेक्टर ने जनसभा की इजाजत दी थी, लेकिन बीजेपी के प्रेशर से जनसभा की इजाज़त कैंसिल कर दी !! SRP से लेकर पुलिस को भी मैदान में उतार दिया गया।
हार्दिक पटेल ने रूपाणी सरकार पर हमला बोलते हुए ये भी कहा था, 'जनता में आक्रोश है। बीजेपी पुलिस को साथ रखकर जनता पर गुंडागर्दी कर रही है।' खासबात यह है कि मनसा वही जगह है जहां 22 जुलाई 2015 को पाटीदार समुदाय के लोगों के साथ रैली करते हुए हार्दिक पटेल ने ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने की मांग की थी। मनसा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का गृह क्षेत्र भी है।