नई दिल्ली: मनमोहन सिंह ने कहा कि हमने नोटबंदी का असर जीडीपी पर देखा। उन्होंने कहा कि हर एक परसेंट का मतलब 1.5 लाख करोड़ रुपये है। इसका अर्थ है कि देश में कितने लोगों की नौकरी चली गई। कितने उद्योग बंद हो गए। इसका एक और ट्रेजीडी यह रही कि मोदी सरकार ने इससे कुछ नहीं सीखा।
किसान, छोटे व्यापारी को इससे काफी परेशानी हुई और इसके बावजूद बिना प्लान के एक अधूरा जीएसटी गलत तरीके से लागू किया गया। इससे भी सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अहमदाबाद के शाहीबाग इलाके में सरदार पटेल स्मारक परिसर में सत्र का आयोजन किया गया।
पूर्व पीएम ने कहा कि हमारी सरकार की सोच एक टैक्स लाकर, टैक्स प्रणाली को सरल करना थी। ताकि व्यापारियों और आम लोगों का भला हो, पर इस जीएसटी में ऐसा नहीं है। इस सरकार ने हमारी संसद के भीतर और निजी मुकालतों में हुईं बातें नहीं सुनी। जीएसटी छोटे कारोबारियों के लिए बुरे सपना जैसा बन गया है।नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को लेकर भी बार-बार नियम बदलने से दिक्कत बढ़ी है। इससे टैक्स टेरिरिज्म बढ़ा है।
मनमोहन सिंह ने कहा, मैंने पंजाब में गरीबी देखी है। पंजाब में बंटवारे का दंश झेला है। मेरे जीवन में कांग्रेस की नीतियां प्रभावकारी रहीं। हमने 140 मिलियन लोगों को गरीबी से निकाला। किसी सरकार ने ये अचीव नहीं किया था। उन्होंने कहा, नोटबंदी और जीएसटी दो बड़े धमाके थे, जो लाखों लोगों को गरीबी के दलदल में धकेल कर चले गए।
गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार को मजबूती देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज अहमदाबाद में हैं। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा अन्य मुद्दों पर छोटे कारोबारियों को संबोधित किया।
कांग्रेस की गुजरात इकाई ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया था कि अपने दौरे के दौरान मनमोहन सिंह व्यापारियों के साथ अर्थव्यवस्था की मौजूदा दशा पर चर्चा करेंगे।
मनमोहन सिंह ऐसे समय में गुजरात दौरा कर रहे हैं जब 8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरा हो रहा है और कांग्रेस ‘काला दिवस’ मनाने वाली है और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी सूरत जाने वाले हैं।