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भरूच: कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज से तीन दिनों तक दक्षिणी गुजरात के दौरे पर हैं। कांग्रेस की नवसृजन यात्रा का यह तीसरा चरण है। राहुल इसी दौरे के दौरान पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी से मुलाकात कर सकते हैं।

जंबूसर में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश के हर प्रदेश में मेरा दौरा हो रहा है, मैं हर स्टेट में जा रहा हूं लेकिन पहली बार गुजरात में ऐसा लग रहा है कि समाज का कोई भी वर्ग खुश नहीं है। पूरे समाज में दुख और मुश्किल है। सिर्फ गुजरात के 5-6 कारोबारी खुश हैं, जिन्हें मोदी सरकार से कोई दिक्कत नहीं है।

गुजरात में गरीबों को पानी नहीं मिलता लेकिन बड़े कारोबारियों को सारा पानी दे दिया जाता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में किसान रो रहा है, कर्जा माफ करवाना चाहता है। मोदी जी ने टाटा नैनो के लिए 33000 करोड़ रुपए का लोन दिया, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया।

राहुल ने कहा कि सड़क पर आज नैनो नहीं दिखती है, ये गुजरात मॉडल है। गरीबों से पानी और जमीन लेकर नैनो को दिया लेकिन फायदा नहीं हुआ। गरीबों से पैसा लेकर अमीरों को पैसा देना ही गुजरात मॉडल है।

गुजरात में अगर कोई युवा शिक्षा चाहता है तो उसे 10-15 लाख रुपए खर्च करना पड़ता है। गुजरात मॉडल के जरिए यहां के युवाओं को नहीं बल्कि चीन के युवा को रोजगार मिल रहा है। चीन में हर घंटे पचास हजार लोगों को रोजगार मिलता है। लेकिन हिंदुस्तान में मेक इन इंडिया के तहत 450 युवाओं को रोजगार मिलता है। हमारा मुकाबला चीन से है।

क्यों कांग्रेस के लिए जरूरी राहुल का दौरा

भरूच और सूरत दोनों ही जगहों पर पटेल समुदाय के बीच सत्ताधारी बीजेपी को लेकर भारी असंतोष है। ऐसे में राहुल के इस इलाके में दौरे को रणनीतिक तौर पर कांग्रेस के लिए काफी खास बताया जा रहा है।

पटेल समुदाय के अलावा भरूच और सूरत के व्यापारियों में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी बीजेपी के खिलाफ काफी नाराजगी है। कांग्रेस दक्षिणी गुजरात में जेडीयू के नेता छोटूभाई वासवा की अगुवाई वाले दल से मुलाकात कर सीटों के बंटवारे पर अहम समझौता कर सकते हैं।

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