अहमदाबाद: गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक सौदेबाज़ी तेज हो गया है। कांग्रेस के साथ जाने की अटकलों के बीच हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी को अल्टिमेटम दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस को पटेल आरक्षण मुद्दे पर अपना रुख 3 नवंबर तक रखने का समय दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि सूरत में अमित शाह का जो हाल हुआ था वही कांग्रेस का भी होगा। बता दें कि भाजपा अध्यक्ष की सूरत रैली में काफी हंगामा हुआ था और कुछ लोगों ने कुर्सियां भी तोड़ी थीं।
उन्होंने कहा, 3/11/2017तक कोंग्रेस पाटीदार को संवैधानिक आरक्षण कैसे देंगी, उस मुद्दे पर अपना स्टेण्ड क्लीयर कर दे नहीं तो अमित शाह जैसा मामला सूरत में होगा। पिछले साल 8 सितंबर को सूरत की अमित शाह की रैली में हार्दिक पटेल के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया था। हार्दिक समर्थकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए कुर्सियों को तोड़ दिया था।
दरअसल इस रैली के माध्यम से भाजपा यह दिखाना चाहती थी कि उसे पटेलों का समर्थन हासिल है, लेकिन पार्टी का यह दांव उल्टा पड़ गया। भाजपा ने पटेल नेताओं के सम्मान में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें अमित शाह भी शामिल हुए थे।
लेकिन इस कार्यक्रम में शाह की मौजदूगी में हार्दिक पटेल जिंदाबाद के नारे लगाते हुए उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था।
गौरतलब है कि हार्दिक पटेल ने कुछ दिनों पहले ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिए जाने का ऐलान किया था। पटेल का यह बयान वैसे समय में सामने आया है, जब गुजरात में पटेल के करीबी रहे ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं कांग्रेस हार्दिक पटेल को अपने पाले में करने की पूरी कोशिश में लगी हुई है।
गुजरात विधानसभा चुनाव में जिन तीन चेहरों के चुनाव प्रभावित करने की अटकलें लगाई जा रही है, उनमें हार्दिक पटेल सबसे अहम हैं। इसके अलावा दो नेता अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी हैं। ठाकोर अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं वहीं जिग्नेश ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
गुजरात में पटेलों की आबादी 12 फीसदी है लेकिन प्रभाव और राजनीतिक नेतृत्व के मामले में यह समुदाय मतदाताओं को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। भाजपा की लगातार जीत में इस वोट बैंक की अहम भूमिका रही है लेकिन पटेल आंदोलन के बाद यह समुदाय पार्टी से नाराज चल रहा है।
वहीं ओबीसी की मत हिस्सेदारी 40 फीसदी है, जबकि दलित मतदाताओं की हिस्सेदारी 7 फीसदी है। हार्दिक पटेल गुजरात के पाटीदारों को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भाजपा सरकार ने पटेलों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की कोशिश की थी, लेकिन हाईकोर्ट इस पर रोक लगा चुका है।
चुनाव आयोग गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर चुका है। गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं।