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अहमदाबाद: पिछले महीने ‘जन विकल्प’ में शामिल होते वक्त गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने दावा किया था कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने हालांकि इस संभावना से इनकार नहीं किया कि अगर मोर्चा चुनावों में बहुमत पाता है तो वह मुख्यमंत्री बनेंगे।

कांग्रेस के पूर्व नेता शंकरसिंह वाघेला ने बुधवार को कहा कि उनका नया राजनीतिक मोर्चा गुजरात विधानसभा की सभी 182 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उनका मोर्चा राजस्थान स्थित एक पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेगा। दो चरणों में होने वाले चुनाव के लिये नौ और 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी।

वाघेला के मुताबिक "ऑल इंडिया हिंदुस्तान कांग्रेस’ पार्टी एक साल पहले जयपुर में पंजीकृत कराई गई थी और उसे ‘ट्रैक्टर चलाता हुआ किसान’ चुनाव चिह्न आवंटित किया गया गया था।

उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने उनके मोर्चे ‘जन विकल्प’ को चुनाव चिह्न देने पर सहमति जताई है। वाघेला ने कहा, "हमने चुनाव आयोग से चुनाव लड़ने के लिए चिह्न की मांग की है लेकिन अब इसमें काफी देर हो गई है।

इसलिये हमने "ऑल इंडिया हिंदुस्तान कांग्रेस पार्टी’ से समझौता किया है जिसने अपना चुनाव चिह्न हमें देने पर सहमति दी है। हमारे उम्मीदवार उस चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे।"

प्रभावशाली क्षेत्रीय नेता वाघेला ने अगस्त में राज्यसभा चुनावों के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी और अपने समर्थकों द्वारा बनाए गए संगठन ‘जन विकल्प’ में शामिल हो गए थे।

हिंदुस्तान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार शर्मा के मुताबिक पार्टी ने वाघेला को चुनाव चिह्न देने और जन विकल्प मोर्चा का हिस्सा बनने का फैसला किया है। शर्मा ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "एक साल पहले जयपुर में पार्टी गठित की गई थी और यह हमारे लिए पहला चुनाव है। हमनें गुजरात चुनाव के लिए वाघेला के मोर्चे को अपना चिह्न देने पर सहमति जताई है। हम वाघेला को अपनी पार्टी के बिना शर्त समर्थन का ऐलान करते हैं।"

वाघेला ने कहा कि उनका मोर्चा अगर सत्ता में आता है तो वह गरीबों का ध्यान रखेगा। उन्होंने यह वादा किया कि वह विधानसभा में एक विधेयक लेकर आएंगे जिसमें गुजरात में अनारक्षित वर्ग के लिए 25 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण का प्रावधान होगा।

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि गैर आरक्षित वर्ग को 25 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। यह गलत धारणा है कि राज्य 49.5 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते। सत्ता में आएंगे तो हम 25 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण के लिए विधेयक लेकर आएंगे।"

वाघेला ने कहा कि उनकी सरकार आई तो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मौजूदा 27 फीसदी के आरक्षण में से 10 फीसदी सबसे पिछड़े समुदायों के लिए अलग रखा जाएगा। उनके दूसरे वादों में विधवाओं के लिए 5000 रुपये की पेंशन, ऐसे बुजुर्गों के लिए 5000 रुपये की पेंशन जिनकी देखभाल करने वाला कोई न हो और सरपंचों के लिए अधिक स्वायत्ता शामिल है।

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