रांची: चारा घोटाले मामले में सीबीआई स्पेशल कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आखिरकार आज आ गया। बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं। रांची की सीबीआई कोर्ट ने डोरंटा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में भी उन्हें दोषी करार दिया है। कोर्ट का फैसला आते ही बाहर मौजूद राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई। सुनवाई और फैसला सुनाए जाते समय लालू यादव की बेटी और सांसद मीसा भारती उनके साथ मौजूद रहीं।
चारा घोटाले के इस सबसे बड़े केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। इस केस में 24 आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया है। सीबीआई की स्पेशल अदालत ने 36 लोगों को 3-3 साल कैद की सजा सुनाई है। राजद प्रमुख प्रसाद के सजा के बिंदु पर अब सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के शशि की अदालत में 21 फरवरी को सुनवाई होगी। लालू प्रसाद को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है।
अब लालू प्रसाद के वकील ने अदालत में एक आवेदन देकर उन्हें रिम्स शिफ्ट करने का आग्रह किया है। लालू प्रसाद के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्हें जेल भेजने के बजाए रिम्स भेजने का आग्रह किया गया है। इस आवेदन पर अज दो बजे सुनवाई होगी। लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा, ''21 फरवरी को सजा पर सुनवाई होगी। हमने दर्खास्त की है उनकी (लालू प्रसाद यादव) तबियत ठीक नहीं है, जेल प्राधिकरण को निर्देश दिया जाए कि उन्हें रिम्स में शिफ्ट किया जाए।
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू समेत 75 लोगों को दोषी करार दिया गया है। जबकि 24 लोगों को इस मामले में बरी किया गया है। बरी होने वालों में राजेंद्र पांडेय, साकेत बिहारी लाल, दीनानाथ सहाय, राम सेवक, ऐनल हक, सनाउल हक, मो हुसैन, कलशमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजित सिन्हा,अनिल सिन्हा, अनिता प्रसाद, रमावतार शर्मा, चंचल सिन्हा, रामशंकर सिंह, बसंत सिन्हा, क्रांति सिंह, मधु मेहता शामिल हैं।
सीबीआई कोर्ट में जज एसके शशि के फैसले को सुनने के लिए लालू यादव उनके ठीक सीधे बैठे हुए थे। कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई। सबसे पहले एक-एक कर सभी अभियुक्तों की हाजिरी लगाई गई। कोर्ट ने इन सभी को फैसले के वक्त मौजूद रहने को कहा था। इनमें से ज्यादातर आरोपी 75 की उम्र पार कर चुके हैं।
बहुचर्चित चारा घोटाला में झारखंड के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी को लेकर आज आने वाले फैसले को सुनने के लिए लालू यादव रविवार को ही पटना से रांची आ गए थे। रांची पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया। लालू को अब तक करोड़ों रुपयों के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका था। पांचवें मामले में आज फैसला आया। लालू को चारा घोटाले के चार मामलों-देवगढ़, चाईबासा, रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका मामले में जमानत मिल गई थी।
ऐसे हुआ था चारा घोटाला
लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते 1990 से 95 के बीच बिहार के सरकारी खजाने के पशु चारा के नाम पर 950 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। इसका खुलासा 1996 में हुआ और जांच बढ़ने के साथ लालू प्रसाद पर आंच आ गयी। झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाये गये। इनमें से चार मामलों में कोर्ट का फैसला आ चुका है। इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। चारा घोटाले के सबसे बड़े और पांचवें मामले में आज फैसला आने वाला है। यह केस रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। इस मामले में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे जिनमें से 55 आरोपियों की अबतक मौत हो चुकी है। जबकि सात आरोपी इस कांड के सरकारी गवाह बन गए। इस कांड के 6 आरोपी अभी भी कानून की पकड़ से बाहर हैं। आज मामले के 99 आरोपियों पर सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
सुबह से ही स्टेट गेस्ट हाउस पर लगा था जमावड़ा
लालू प्रसाद रविवार को ही कोर्ट का फैसला सूनने के लिए रांची पहुंच गए थे। वह स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरे थे जहां मंगलवार की सुबह से ही राजद के तमाम वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा लगा था। लालू प्रसाद की बेटी सांसद मीसा भारती भी वहीं उनसे मिलने पहुंचीं थीं जो फैसला सुनाए जाने के समय लगातार उनके साथ रहीं।
परिवार और समर्थकों को थी राहत की उम्मीद
लालू यादव का परिवार और समर्थक लगातार उम्मीद जता रहे थे कि सीबीआई कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आएगा। समर्थकों का कहना था कि लालू यादव की बड़ी उम्र और पूरे केस के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर कोर्ट उन्हें राहत देगी। लालू के वकीलों का कहना था कि वह बीमार हैं। इसके अलावा उन्होंने कभी भी न्यायालय के आदेशों या कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं किया है। उम्र, स्वास्थ्य और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भरोसा है कि कोर्ट लालू यादव को राहत देगी।