रांची: झारखंड के सिमडेगा जिले में संजू प्रधान की वीभत्स लिंचिंग के एक दिन बाद उसकी पत्नी सपना देवी ने बुधवार को आरोप लगाया कि उसके पति की हत्या पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुई और बार-बार गुहार लगाए जाने के बाजवूद उन्होंने बचाने के लिए कुछ नहीं किया। सपना ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, ''भीड़ के हमला करने से पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। मैं उनके सामने पति को बचाने की गुहार लगाती रही, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।''
सपना ने कहा कि मौके पर करीब 500 लोगों की भीड़ थी, लेकिन सिर्फ चार लोग ही संजू को बाहर ले जाने के लिए घर आए थे। उन्होंने कहा, ''मैं उन चार लोगों के नाम नहीं जानती हूं, लेकिन यदि मैं उनको देखकर पहचान सकती हूं।'' संजू प्रधान की सिमडेगा जिलेके कोलेबिरा पुलिस थाने के तहत बेसराबाजार में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी और आग के हवाले कर दिया। उन्होंने पीड़ित पर पेड़ों की अवैध कटाई और इन्हें लकड़ी बाजार में बेचने का आरोप लगाया था।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, माओवादी लिंक्स को लेकर प्रधान के खिलाफ तीन केस दर्ज थे। सिमडेगा के पुलिस अधीक्षक शम्स तबरेज ने कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्यों की शिकायत पर कोलेबिरा थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 13 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है और करीब 2 दर्जन आरोपी अज्ञात हैं। उन्होंने कहा, ''हमने घटना में शामिल लोगों की पहचान कर ली है और जल्द गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
एसपी ने कहा कि आरोपियों खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 364, 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि एंटी-लिंचिंग कानून की कोई धारा नहीं शामिल की गई है, क्योंकि कानून को अभी अधिसूचित नहीं किया गया है। तबरेज और डीसी कुमार सौरव के साथ पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुंचे थे। पुलिस की मौजूदगी में लिंचिंग के आरोप पर तबरेज ने कहा, ''डीसी ने एसआईटी का गठन किया है, जो घटना की जांच कर रही है। यदि एसआईटी रिपोर्ट पुलिस की कोई लापरवाही पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।''