चैन्नई: तमिलनाडु में बदले महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में सत्तारूढ़ पार्टी अन्नाद्रमुक की कमान जयललिता की सहयोगी रही शशिकला नटराजन को सौंप दी गई। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि फिलहाल जयललिता की राजनीतिक विरासत शशिकला ही संभालेंगी। पार्टी की ओर से यह महत्वपूर्ण निर्णय जनरल बॉडी की मीटिंग में गुरुवार सुबह लिया गया। चेन्नई में हुई बैठक में जयललिता का नाम अंतरराष्ट्रीय शांति नोबेल पुरस्कार के लिए भेजने का भी प्रस्ताव पास हुआ। इसके अलावा जयललिता के जन्मदिन को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में भी मनाने का निर्णय लिया गया। जानकारी के अनुसार चेन्नई में गुरुवार सुबह शुरू हुई पार्टी की जनरल असेंबली की बैठक में 14 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय पार्टी महासचिव के चयन का रहा। एक सुर में सभी सदस्यों ने अभी तक सभी राजनीतिक पदों से दूर रही जयललिता की निकट सहेली शशिकला नटराजन को पार्टी महासचिव बनाने की मांग की, जिस पर सर्वसम्मति से तुरंत मुहर लग गई। इसके साथ ही विधिवत रूप से पार्टी की बागडोर शशिकला के हाथों में आ गई। हालांकि इस बात की संभावना शुरूआत से ही जताई जा रही थी, क्योंकि जयललिता की मौत के बाद से ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शशिकला से पार्टी की बागडोर संभालने की अपील शुरू कर दी थी।
गौरतलब है कि बीते पांच दिसंबर को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। इसके बाद सरकार की बागडोर तो उनके विश्वसनीय पनीरसेल्वम ने संभाल ली थी लेकिन पार्टी की कमान को लेकर संशय बना हुआ था। जिस पर शशिकला के महासचिव बनने के बाद आज अंतिम मुहर लग गई।