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हैदराबाद: हैदराबाद के एक मध्यम वर्गीय इलाके के एक घर से पुलिस ने दो नाबालिग लड़कियों को बचाया जिसमें से एक की उम्र 8 और एक दस साल की है। पुलिस के मुताबिक दोनों बच्चियां पिछले एक साल से यौन शोषण का शिकार हो रही थीं और उनके अभिभावक समझे जाने वाले दंपत्ति को इसकी जानकारी भी थी। बताया जा रहा है कि बाल शोषण का यह विचलित कर देने वाली वारदात परिवार की जानकारी में थी और पुलिस को इसकी जानकारी तब मिली जब उनमें से एक बच्ची ने अपनी टीचर से पेट में दर्द होने की शिकायत की। बच्ची की टीचर को गड़बड़ी की आशंका लगी और उन्होंने बाल अधिकार संस्थान को इस बात की जानकारी दी। पुलिस ने अभिभावकों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। उत्तरप्रदेश से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार पिछले 16 सालों से हैदराबाद में रह रहा है। इनका एक 14 साल का बेटा भी है और पुलिस को उसके भी अपनी उम्र से ज्यादा की शारीरिक गतिविधि में लिप्त होने की आशंका है। इस मामले में जफ्फार नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसके तीन बच्चे हैं. जानकारी के मुताबिक जफ्फार ने बच्चियों की मां के साथ दोस्ती बढ़ाई और बाद में वह महिला के बच्चों को प्रताड़ित करने लगा। जफ्फार के नाबालिग बेटे का नाम भी केस में शामिल किया गया है।

इसके अलावा मोबाइल फोन रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है ताकि पता चल सके कि बाल यौन रैकेट की आशंका वाले इस मामले में और कौन कौन शामिल है। ख़बर है कि बच्चियों की मां मेहदीपट्टनम में एक निजी फर्म में काम करती थी और पुलिस को शक है कि हो सकता है कि उसने अपनी बेटियों को कमर्शियल सेक्स वर्कर की तरह इस्तेमाल किया हो। शमशाबाद डीसीपी पद्मजा ने बताया कि 'हमने बलात्कार, धमकी और बच्चों के खिलाफ होने वाले शारिरिक अपराधों के लिए बनाए गए कानून पोस्को के तहत भी केस दर्ज किया है। जांच के खुलने के साथ ही और दफाओं के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है।' फिलहाल बाल सुरक्षा अधिकारियों ने दोनों बच्चियों को बचाव घर भेज दिया है। जिस तरह के शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से वे गुज़री हैं, उन्हें काउंसलिंग और बहाली की जरूरत है। बच्चियों ने पुलिस को जो जानकारी दी है उसके मुताबिक उन्हें उनके पिता, चाचाओं, भाइयों और उनके दोस्तों द्वारा शारीरिक प्रताड़ना दी गई है।लड़कियों को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है।

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