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चंडीगढ़: विभाग बदले जाने से आहत पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से शिकायत करने के बाद चंडीगढ़ लौट आए, लेकिन बुधवार को न तो उन्होंने नए विभाग का पदभार संभाला, न कोई बयान जारी किया, न ट्विटर हैंडल पर दिखाई दिए। बेबाक बयानबाजी के लिए चर्चित सिद्धू ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। सिद्धू के करीबियों से मिली जानकारी के अनुसार, वे बुधवार को सारा दिन चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर ही थे।

आमतौर पर अपनी बात कहने के लिए वे कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ अपने आवास पर वार्ता करते रहे हैं लेकिन बुधवार को उन्होंने ऐसा नहीं किया। सिद्धू के इस रुख को देखकर माना जा रहा है कि वे पार्टी आलाकमान द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनका विवाद सुलझाए जाने के बाद ही नया विभाग संभालने का फैसला लेंगे। आलाकमान ने सीनियर नेता अहमद पटेल को सिद्धू और कैप्टन के बीच सुलह कराने का जिम्मा सौंपा है लेकिन कैप्टन इन दिनों चंडीगढ़ में नहीं हैं और 15 जून के बाद ही वे शहर में लौटेंगे।

यह संभावना जताई जा रही है कि सिद्धू कैप्टन से सुलह से पहले विभाग नहीं संभालेंगे, भले ही इस बारे में उन्हें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने निर्देश दे दिए हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि उनके विभाग में किया बदलाव का फैसला अब बदला नहीं जा सकता।

उधर, सिद्धू के पसंदीदा स्थानीय निकाय विभाग को ब्रहम मोहिंदरा ने संभाल लिया है। हालांकि उन्होंने भी साफ कर दिया है कि पूर्व मंत्री द्वारा लिए गए फैसलों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और उन फैसलों को आगे बढ़ाया जाएगा।

इस बीच, सिद्धू के बिजली मंत्री का पद न संभालने के चलते मुख्यमंत्री के उस फैसले पर ब्रेक लगने की आशंका जताई जा रही है, जिसमें उन्होंने रबी सीजन के दौरान किसानों को हर रोज 8 घंटे बिजली और अन्य उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की सप्लाई यकीनी बनाने के निर्देश जारी किए थे। मुख्यमंत्री के इन निर्देशों को मूर्त रूप देने के लिए अब बिजली मंत्री द्वारा विभाग के अधिकारियों को आदेश जारी करना आवश्यक है।

फिलहाल बिना मंत्री, बिजली बोर्ड के चेयरमैन और आला अधिकारी ही विभाग का गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं लेकिन बिना किसी नए आदेश के वे कोई फैसला लेने से गुरेज करेंगे। यह भी पता चला है कि बिजली विभाग के कुछ अधिकारियों ने नवजोत सिद्धू के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात भी की है। इस मुलाकात का ब्योरा नहीं मिल सका है।

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