नई दिल्ली: बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे फतेहवीर सिंह को मंगलवार सुबह निकाल लिया गया था। बताया जा रहा है कि करीब 110 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को बोरवेल से निकाल लिया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आपको बता दें कि घटना गुरुवार शाम की है जब बच्चा 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। जिले के भगवानपुरा गांव में एक सूखे पड़े बोरवेल को कपड़े से ढंककर छोड़ दिया गया था।
फतेहवीर खेलते वक्त अनजाने में इसी बोरवेल के पास पहुंचा और उसमें गिर गया। शुरुआत में तो मां ने अपनी इकलौती संतान को बचाने की हर कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। इसके बाद सूचना पाकर बचाव दल ने काम शुरू किया। बचाव दल रविवार तक बच्चे के करीब पहुंच गया था। लेकिन उसे निकाला नहीं जा सका, क्योंकि कुछ तकनीकी बाधा आ गई थी। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को खाना-पीना तो नहीं दिया गया है, लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
बचाव दल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), पुलिस, नागरिक प्रशासन, ग्रामीण और स्वयं सेवी लोग शामिल रहे। ये लोग तपती गर्मी की परवाह किए बगैर पूरी मेहनत से बचाव अभियान चलाया।
दूसरा बोरवेल खोदा
बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के समांतर एक दूसरा बोरवेल खोदा गया और उसमें कंक्रीट का बना 36 इंच व्यास का पाइप डाला गया है। इस नये बोरवेल के जरिये ही बच्चे को मंगलवार सुबह बाहर निकाला गया। घटना स्थल पर कैंप लगाकर राहत अभियान पर पंजाब के सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री विजय इंदर सिंगला ने लगातार नजर बनाई रखी।
बच्चे को बचाने के लिए हुई प्रार्थना
घटना की जानकारी मिलते ही लोगों का हुजूम बोरवेल के पास जमा हो गया थे और बच्चे को बचाने के लिए प्रार्थनाओं का दौर भी चला। परिवार से लेकर गांव के लोग भगवान से उसकी सलामती की दुआएं करते रहे। इस घटना से कुरुक्षेत्र में वर्ष 2006 में गिरे बच्चे प्रिंस को बचाने की याद ताजा हो गई है। प्रिंस को करीब 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया था।