पटना: जातिगत जनगणना के आंकड़ों को लेकर बीजेपी और आरजेडी के बीच आरोप प्रत्यारोप देखने को मिल रहा है। बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार में एक सभा को संबोधित करते हुए नीतीश सरकार के जातिगत आंकड़ों पर सवाल खड़ा किया और उन्होंने कहा कि मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाया गया है। अमित शाह के बयान पर अब उपमुख्यमत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर बिहार के जातीय सर्वे के आंकड़े गलत है तो केंद्र सरकार पूरे देश और सभी राज्यों में जातीय गणना करा अपने आंकड़े जारी क्यों नहीं करती?
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि बीजेपी शासित राज्यों में बीजेपी जातिगत गणना क्यों नहीं कराती? केंद्र सरकार में कितने ओबीसी/एससी/एसटी कैबिनेट मंत्री है और कितने गैर ओबीसी/एससी/एसटी? सूची जारी करें। खानापूर्ति के लिए इक्का-दुक्का मंत्री है भी तो उन्हें गैर-महत्त्वपूर्ण विभाग क्यों दिया हुआ है? बीजेपी के कितने मुख्यमंत्री ओबीसी/एससी/एसटी है? पिछड़ा और गैर-पिछड़ा मुख्यमंत्री का तुलनात्मक प्रतिशत बताएँ?
तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा कि बीजेपी के बिहार से केंद्र में कितने पिछड़ा और अतिपिछड़ा कैबिनेट मंत्री हैं? जवाब जीरो है? जवाब देंगे, तो आपके साथ-साथ हिंदुओं की 𝟖𝟓% पिछड़ा और दलित आबादी की भी आंखें खुल जाएंगी।
अमित शाह ने क्या कहा था?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर जाति आधारित सर्वेक्षण में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी बढ़ाकर दिखाने का रविवार को आरोप लगाते हुए इसे ‘तुष्टिकरण की राजनीति' का हिस्सा बताया। मुजफ्फरपुर के पताही में पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘बिहार में जाति सर्वेक्षण कराने का निर्णय तब लिया गया था जब नीतीश कुमार राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का हिस्सा थे।”