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भोपाल: मध्यप्रदेश में गुरुवार (29 जून) को कर्ज से परेशान दो और किसानों ने पेड़ में फंदा डालकर फांसी लगा ली। पहली आत्महत्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर और दूसरी होशंगाबाद में हुई। राज्य में 18 दिनों के भीतर 31 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। सीहोर के बिलकिसगंज के इमलीखेड़ा में किसान मारिया बारेला (50) ने गुरुवार सुबह एक पेड़ में फंदा डालकर फांसी लगा ली। पुलिस का कहना है कि आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं है कि किसान ने आत्महत्या क्यों की, पर मृतक के परिजनों का कहना है कि उस पर काफी कर्ज था। मुख्यमंत्री शिवराज के गृह जिले सीहोर में बीते 18 दिनों में किसान की आत्महत्या का यह सातवां मामला है। वहीं, होशंगाबाद के पिपरिया थाना क्षेत्र के साडिया गांव में किसान गुलाब सिंह (52) ने गुरुवार (29 जून) सुबह पेड़ में फंदा डालकर फांसी लगा ली। परिजनों का कहना है कि उस पर दो लाख रुपये का कर्ज था, जिसके चलते वह तनाव में रहता था। पिपरिया थाने के प्रभारी कीरत धुर्वे ने कहा, "किसान का सुसाइड नोट मिला है, लेकिन उसमें उसने आत्महत्या का कारण नहीं लिखा है। पुलिस जांच कर रही है।"

सीहोर में बीते 18 दिनों में इससे पहले जो छह किसान खुदकुशी कर चुके हैं, उनमें मुख्यमंत्री शिवराज के विधानसभा क्षेत्र बुदनी के किसान शत्रुघ्न मीणा, दोहरा थाना क्षेत्र के जिमोनिया खुर्द में बंशीलाल (54), जजना गांव के दुलीचंद्र, नसरुल्लागंज के लाचौर गांव के मुकेश यादव (23), सिद्दीकीगंज थाना क्षेत्र के बापचा गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग किसान खाजू खां और इच्छावर तहसील के पालखेड़ी गांव के किसान बाबूलाल (40) शामिल हैं।

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