मंदसौर: मध्य प्रदेश में फसलों के वाजिब दाम सहित अन्य मांगों को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन मंगलवार को हिंसक हो गया। जब मंदसौर जिले में आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने गोलियां बरसाईं, जिसमें पांच किसानों की मौत हो गई। घटना के बाद प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए हैं। स्थिति बेकाबू होती देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं और उच्च अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिले के पिपल्यामंडी में आंदोलनकारी उपद्रव करने लगे थे। लिहाजा पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए गोलियां चलानी पड़ीं। फायरिंग में पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हो गए हैं। पुलिस के इस कदम से भड़के प्रदर्शनकारियों ने पिपल्यामंडी चौकी का घेराव पर उसमें आग लगाने की कोशिश की और गांधी चौराहे पर कई वाहनों को फूंक दिया। कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि यह सरकार किसानों के साथ युद्ध कर रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार किसानों के मसले पर संवेदशील है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस पार्टी साजिश कर रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फायरिंग में मरने वालों के परिजनों को 5 लाख से 10 लाख तक की सहायता राशि दी जाएगी जबकि घायलों के परिजनों को 1 लाख की राशि दी जाएगी।
पुलिस ने वहां से खदेड़ा तो भीड़ नीमच-इंदौर राजमार्ग पहुंची और चक्काजाम कर पथराव शुरू कर दिया। स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस ने कई राउंड फायरिंग की जिसमें पांच-छह लोग घायल हो गए। मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। मंदसौर जिला कलेक्टर ने बताया कि पिपल्यामंडी थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इससे पहले उग्र किसान पिपल्यामंडी में पथराव और आगजनी करते हुए दुकानें बंद कराने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान एक व्यापारी से उनकी झड़प हो गई और दोनों पक्षों में मारपीट हुई। प्रदर्शनकारियों ने दुकानों के बाहर रखे टायरों समेत कुछ और सामान जला दिए तो पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद उग्र किसानों ने दलौदा में एक रेलवे फाटक को क्षतिग्रस्त कर दिया और पटरियां उखाड़ने की कोशिश की। सुवासरा में भी दोनों पक्षों में टकराव की खबरें हैं। मंदसौर में किसानों पर पुलिस की फायरिंग के बीच प्रशासन ने इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर बैन लगा दिया है। मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई है। साथ ही बल्क मैसेज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। किसानों के प्रदर्शन के चलते प्रदेश में दूध, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं। इस बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है। किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया है। इसके विरोध में व्यापारियों ने भी अनिश्चितकाल के लिए शहर को बंद कर दिया है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस फायरिंग से इनकार करते हुए इसकी जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा कोई फायरिंग नहीं हुई और ना ही सरकार ने इंटरनेट पर कोई प्रतिबंध लगाया है। गृह मंत्री ने इलाके में कर्फ्यू लगाने की बात से भी इनकार किया है। प्रदेश के किसानों ने एक से 10 जून तक आंदोलन करने का ऐलान किया था। लेकिन भारतीय किसान संघ और मध्य प्रदेश किसान सेना ने सीएम शिवराज सिंह से मुलाकात के बाद आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की थी। लेकिन राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ जैसे दूसरे संगठन अब भी आंदोलनरत हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों के इस कदम की आलोचना भी की थी।