भोपाल: भोपाल सेंट्रल जेल से भागने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मार गिराए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ संदिग्ध आतंकवादियों के वकील ने आरोप लगाया है कि दरअसल जेलब्रेक की घटना फर्ज़ी थी। वकील परवेज़ आलम ने पुलिस के उस दावे पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें कहा गया था कि कैदियों ने कई ऊंची-ऊंची दीवारें फांदीं, और कड़ी सुरक्षा वाली सेंट्रल जेल के दरवाज़ों में लगे ताले टूथब्रश से बनी चाबियों से खोल डाले। वकील ने कहा कि इन आठ लोगों, जो प्रतिबंधित सिमी से जुड़े थे, के परिवार वाले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जाएंगे, और पुलिस द्वारा उन्हें मार गिराए जाने की सीबीआई से जांच की मांग करेंगे। जो उनके (परिवार के) दावे के मुताबिक 'सोच-समझकर की गई हत्या' थी। मध्य प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) सिर्फ जेलब्रेक की घटना की जांच करेगी, कैदियों के मारे जाने की नहीं। राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि कैदियों के मारे जाने की जांच मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टीम करेगी। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने जानकारी दी है कि सिमी के ये आठ सदस्य 'बड़ी आतंकवादी वारदात की साज़िश रच रहे थे'। गृहमंत्री के मुताबिक जेल से भागने में एक 'बड़े नेटवर्क' ने उनकी मदद की थी। गृहमंत्री ने कहा, "अगर इस तरह के आतंकवादी भागने में कामयाब हो गए होते, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा होता... मध्य प्रदेश पुलिस ने बहुत कम समय में उन्हें खोजकर मार गिराया।" कैदियों को मार गिराए जाने के वक्त के कुछ वीडियो सामने आए हैं ।
जिनमें किसी शूटआउट के कोई संकेत नहीं मिलते। जबकि पुलिस वाले काफी नज़दीक से कैदियों को मारते दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार तथा राज्य पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है। परवेज़ आलम का कहना है, "वीडियो में पुलिस और एटीएस वाले ही गोलियां चलाते दिख रहे हैं। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपियों ने भी गोलियां चलाईं।" फिलहाल इन वीडियो की सच्चाई और प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकती है। पुलिस का दावा है कि एक गार्ड का गला रेतने के बाद चादरों की मदद से ऊंची दीवार फांदकर जेल से भागे इन आठ कैदियों का पीछा कर उन्हें कुछ ही घंटे बाद मुठभेड़ में मार गिराया गया। सिमी पर देश में कई जगह आतंकवादी हमले करने का आरोप है और उसके तालुल्कात पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों से बताए जाते हैं। सिमी को अमेरिका में हुए 9/11 हमले के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था।