मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र में मतदान की तारीख करीब आते-आते सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। रैलियों का जोर है। वादों-नारों का शोर है। वार-पलटवार का सिलसिला चारों ओर जारी है। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने आदिवासी बहुल सीट धुले में महायुति की तरफ से मोर्चा संभाला। महाविकास अघाड़ी (एमवीए) पर उन्होंने 'एमएमएम' अटैक किया। एमवीए पर मोदी का यह 'ट्रिपल 'एम' अटैक दरअसल महिला, मराठी मानुष और माझी लाड़ली बहन योजना के जरिए था।
उन्होंने कांग्रेस पर माझी लाड़ली योजना को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया, तो साथ ही मराठी भाषा को अभिजात का दर्जा दिए जाने का जिक्र कर बीजेपी की मराठी जमीन को और मजबूत करने की कोशिश की। मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी जिक्र किया और कांग्रेस पर उनके और महिलाओं के अपमान का आरोप लगाते हुए महिला वोटरों को साधने की कोशिश की। मोदी के भाषण में कांग्रेस को घेरने के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भी जिक्र था। महाराष्ट्र के चुनावी समर में धुले की रैली में मोदी ने जमकर शब्दबाण चलाए।
मोदी का पहला 'ए' महिलाएं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
पहली बार एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू जी देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं। पूरे देश ने देखा कि कैसे कांग्रेस और उसके साथियों ने द्रौपदी मुर्मू जी को हराने के लिए पूरी शक्ति लगा दी थी। आए दिन ये लोग द्रौपदी जी का अपमान करते हैं। यह इनकी पुरानी आदत है। बाबा साहेब को हराने के लिए नेहरू समेत सबने ताकत लगा दी थी। आज से 35-30 साल पहले बाबा साहेब को नीचा दिखाना कांग्रेस का रोज का काम था। आज यह इन्होंने द्रौपदी मुर्मू के साथ किया।
धुले रैली में पीएम मोदी का दूसरा 'एम'- मराठी भाषा
मातृभाषा तो हमारी मां होती है। मुझे गर्व है कि हमारी सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है। इस फैसले के बाद मुझे देश और दुनियाभर के मराठी भाषी लोगों के संदेश मिल रहे हैं। लोग इस फैसले से भावुक हैं।
महाराष्ट्र की धुले रैली में मोदी
पीएम मोदी ने महाविकास अघाड़ी को घेरते हुए कहा कि पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग महिलाओं को गाली देने पर उतर आए हैं। महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है। कैसी-कैसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने मराठी अस्मिता की भी बात की और कहा कि मातृभाषा तो हमारी मां होती है। मुझे गर्व है कि हमारी सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है। इस फैसले के बाद मुझे देश और दुनिया भर के मराठी भाषी लोगों के संदेश मिल रहे हैं। लोग इस फैसले से भावुक हैं।
मोदी का तीसरा 'एम' माझी लाडकी बहीण योजना
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए महायुति सरकार के उठाए गए कदम कांग्रेस और उसके गठबंधन को बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं। महायुति सरकार की माझी लाडकी बहीण योजना की चर्चा सिर्फ़ महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है। कांग्रेस इसे रोकने के लिए तरह-तरह की साजिशें रच रही है। कांग्रेस के इकोसिस्टम के लोग इस योजना के खिलाफ़ कोर्ट भी जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ठान लिया है कि अगर उन्हें सत्ता मिली तो वे इस योजना को बंद कर देंगे।
सुशासन महायुति सरकार ही दे सकती है
पीएम मोदी ने धुले की जनता को विश्वास दिलाते हुए कहा कि पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र के विकास की जो गति मिली है, उसे रुकने नहीं दिया जाएगा। महायुति अगले 5 साल महाराष्ट्र की प्रगति को नई ऊंचाई पर लेकर जाएगी। राज्य को जिस सुशासन की जरूरत है, वह महायुति सरकार ही दे सकती है। दूसरी तरफ, महाअघाड़ी की गाड़ी में न पहिए हैं, न ब्रेक। ड्राइवर की सीट पर बैठने के लिए भी झगड़ा हो रहा है।
पीएम ने कहा कि महाराष्ट्र की हर महिला को इन अघाड़ी वालों से सतर्क रहना होगा। ये लोग कभी भी नारी शक्ति को सशक्त होते नहीं देख सकते। पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस, अघाड़ी के लोग अब महिलाओं को गाली देने लगे हैं। किस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। महाराष्ट्र की कोई भी माता-बहन अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती।
कुछ लोग लूट के लिए राजनीति में आए
पीएम मोदी ने कहा कि हर किसी का राजनीति में आने पर अपना लक्ष्य होता है। हम जैसे लोग जनता की सेवा करने के लिए राजनीति में आए, जबकि कुछ लोगों के लिए राजनीति का आधार लोगों को लूटना है। पीएम ने कहा कि जब लोगों को लूटने की नीयत रखने वाले महाअघाड़ी जैसे लोग सत्ता में आते हैं, तो वे विकास को रोककर हर योजना में भ्रष्टाचार करते हैं। पीएम ने धुले के लोगों से कहा कि आपने महाअघाड़ी के लोगों के धोखे से बनी सरकार के ढाई साल देखे हैं। इन लोगों ने पहले सरकार को लूटा और फिर आप लोगों को भी लूटना शुरू कर दिया। इन लोगों ने मेट्रो परियोजनाओं को रोका, वधावन पोर्ट के काम में बाधा डाली। इन लोगों ने हर उस योजना को रोका जो महाराष्ट्र के लोगों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाली थी।