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मुंबई: महाराष्ट्र के विपक्षी खेमे महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य की 288 सीटों में से 100 सीटों पर उद्धव ठाकरे और 100 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। शरद पवार की पार्टी को 84 सीटें और बची हुई चार सीटें सहयोगियों के लिए रखी गई हैं।

सूत्रों की मानें तो तीनों ही पार्टियां 60 फीसदी सीटों पर एकमत हैं। कुछ सीटों पर अभी भी पेंच है, लेकिन उन्हें जल्द ही बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा।

दरअसल, महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे में हो रही देरी पर हाल के दिनों में बयानबाजी हुई। उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कांग्रेस पर 'व्यस्त' होने का आरोप लगाते हुए देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया था। विपक्षी खेमे की कोशिश है कि चुनाव से पहले ज्यादा समय न गंवाते हुए सीटों का बंटवारा तय कर लिया जाए ताकि पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट जाए।

एक बात तो साफ हो गई है कि उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और शरद पवार के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। लोकसभा चुनाव में भी तीनों दलों की 'तिकड़ी' ने राज्य की सत्ता पर काबिज एनडीए की सीटों में सेंध लगा दी।

इन नतीजों के बाद से ही एमवीए के हौंसले बुलंद हैं।

2019 विधानसभा चुनाव के नतीजे

महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। 2019 में राज्य के चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीजेपी 164 सीटों पर लड़ी और 105 सीटों पर जीतने में कामयाब हुई। शिवसेना (अविभाजित) 126 सीटों पर लड़ी और 56 सीटों पर पार्टी को कामयाबी हासिल हुई। एनसीपी ने 121 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से पार्टी को 54 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस के 147 उम्मीदवारों में से 44 नेता ही विधायक बने।

इस बार का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होगा। शिवसेना में विभाजन हो चुका है। एनसीपी भी दो खेमों में बंट गई है। कांग्रेस के भी कई नेता पार्टी को छोड़ चुके हैं। ऐसे में एमवीए और एनडीए दोनों ही गुट के लिए ये चुनाव साख की लड़ाई मानी जा रही है।

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