मुंबई: महाराष्ट्र में नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत से बाहर आए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक डिप्टी सीएम अजित पवार गुट के साथ नजर आए। इसको लेकर बीजेपी नेता और राज्य के दूसरे उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को पत्र लिखा है। इस पत्र को उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया और कहा कि नवाब मलिक को गठबंधन में शामिल मत कीजिए।
अजित पवार के खेमे में आए मलिक, फडणवीस ने किया एतराज
नवाब मलिक महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गुरुवार (7 दिसंबर) को शामिल हुए। इस दौरान वो सदन में मौजूद आखिरी टेबल पर अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों के साथ बैठ गए। इसको लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सदन में आपत्ति जताई और फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वो गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) की नेता सुषमा अंधारे ने कहा, ''वह (देवेंद्र फडणवीस) गिरगिट को भी शर्मसार कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने मलिक पर अपना रुख बदल लिया है।''
उन्होंने कहा, मलिक के खिलाफ इन्होंने विरोध मार्च निकाला था और सदन की कार्यवाही को कई बार बाधित किया था।
इसके बाद शाम को देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को चिट्ठी लिखकर कहा कि नवाब मलिक को गठबंधन में लेना सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि सत्ता आती जाती रहती है, पर इससे ज्यादा देश महत्वपूर्ण है। मलिक को शामिल करने से गठबंधन में शामिल पार्टियों को नुकसान होगा।
फडणवीस ने लेटर में कहा, ''नवाब मलिक जिस तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए हमारी राय है कि उन्हें गठबंधन में शामिल करना उचित नहीं होगा। मलिक केवल मेडिकल जमानत पर बाहर है, नियमित बेल पर नहीं।'' फडणवीस ने आगे कहा कि आरोप साबित नहीं होंगे, तो उनका स्वागत जरूर कीजिए। आपकी (अजित पवार) पार्टी में किसे लेना है और किसे नहीं ये आपका अधिकार है। नवाब मलिक का देशद्रोही से संबंध है। ऐसे में आप हमारी भावना को समझेंगे ऐसी आशा है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा, ''लेटर मैंने भी पढ़ा है और जिस तरह से नवाब मलिक का अपमान किया गया है, वह गलत है। बीजेपी भ्रष्टाचार जुमला पार्टी में बदल गई है और उन्होंने अजित पवार गुट को फंसा दिया है।"
बीजेपी नेता आशीष शेलार ने देवेंद्र फडणवीस के लेटर पर कहा, ''हमने अपना रुख साफ कर दिया है। हमारे लिए सत्ता से ज्यादा महत्वपूर्ण देश है। सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन हम कुछ बिंदुओं पर समझौता नहीं कर सकते और ना ही करेंगे। जिस तरह के आरोप नवाब मलिक पर लगे हैं, ऐसे में बीजेपी किसी व्यक्ति का समर्थन स्वीकार नहीं कर सकती।''
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना उदय सामंत ने भी फडणवीस का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राज्य के उपमुख्यमंत्री होने के नाते देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक के लिए जो भूमिका अपनाई है, हम उसका समर्थन करते हैं। उनके मंत्रिमंडल का एक मंत्री होने के नाते में उनकी बात से सहमति रखता हूं और हमें देवेंद्र फडणवीस की बात से कोई आपत्ति नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने देवेंद्र फड़णवीस के लेटर पर कहा कि नवाब मलिक पर लगे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी, लेकिन उन्हें दुर्भाग्य से जेल में रहना पड़ा। ये सच है कि नवाब मलिक ने हलफनामा देकर अजित पवार के गुट का समर्थन किया था। ऐसे में हो सकता है कि रणनीति के तहत फडणवीस ने पत्र लिखा हो या ट्वीट किया हो।
नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया था और वो इस साल अगस्त में जमानत पर रिहा हुए थे। गिरफ्तार करने के दौरान मलिक मंत्री थे, लेकिन शिवसेना में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में फूट पड़ी, तो सरकार गिर गई। इस साल जुलाई में अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी में बगावत हो गई। अब महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी की गठबंधन की सरकार है।
अगस्त में जमानत पर रिहा होने के बाद से नवाब मलिक का रुख स्पष्ट नहीं था कि वो शरद पवार की एनसीपी में जाएंगे या फिर अजिट पवार गुट में शामिल होंगे, लेकिन अब इसी के साथ लगभग साफ हो गया है कि नवाब मलिक अजित पवार गुट की तरफ हैं।