मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) गुट के नेता संजय राउत ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय चुनाव पिंजरे में बंद तोता बन गया है।
शाह के बयान की आलोचना
'सामना' में अपने साप्ताहिक कॉलम में संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर मतदाताओं को रिश्वत देने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान राम मंदिर पर दिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की भी आलोचना की। शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद ने कहा कि मतदाताओं को रिश्वत देकर वोट हासिल करना चौंकाने वाला है, लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर अपनी आंखें बंद कर ली हैं। यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक दिखावा बन गया है। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से वादा किया था कि अगर भाजपा राज्य की सत्ता में आती है, तो अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए सरकार द्वारा यात्राएं कराई जाएगी।
राउत का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से धार्मिक आधार पर प्रचार था। अगर शाह जैसा बयान कांग्रेस के किसी नेता ने दिया होता, तो ईडी की तरह आयोग भी वारंट के साथ उसके दरवाजे पर पहुंच जाता।
टी एन शेषन का जिक्र
संजय राउत ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान दिखाया कि आयोग को दहाड़ने की जरूरत नहीं है। उसे बस अपनी पूंछ हिलानी है, जिससे सभी राजनीतिक दलों में डर पैदा हो जाएगा।
'पिंजरे में बंद तोता बन गया है चुनाव आयोग'
राउत ने आरोप लगाया कि पांच राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान जो कुछ भी हुआ, उससे यह साबित हो गया कि चुनाव आयोग पिंजरे में बंद तोता बन गया है। उन्होंने याद दिलाया कि 1987 के विले पार्ले उपचुनाव में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे (जो अब इस दुनिया में नहीं हैं) ने हिंदुत्व के मुद्दे पर पार्टी उम्मीदवार रमेश प्रभु के लिए वोट मांगा था, जिस पर उनके मतदान के अधिकार को छह साल के रद कर दिया गया था, जबकि उपचुनाव जीतने वाले विधायक सूर्यकांत महादिक, रमाकांत मयेकर और प्रभु को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
शाह के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शाह के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। उसने व्यंग्यात्मक ढंग से पूछा कि क्या चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता में ढील दी है। पत्र में आयोग पर भाजपा के पक्ष में 'दोहरे मानदंड' अपनाने का आरोप लगाया।