पुणे: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शहरीकरण को समस्या नहीं बल्कि गरीबी दूर करने का एक अवसर माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शहरों को अधिक जनभागीदारी के साथ व्यापक और आंतरिक तौर पर जोड़कर मजबूत बनाया जाना चाहिये। सरकार के अग्रणी स्मार्ट शहरी मिशन के तहत देशभर के 20 शहरों में इसकी शुरआत करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुये मोदी ने कहा, एक समय था जब देश में शहरीकरण को एक समस्या माना जाता था। लेकिन मैं अलग तरीके से सोचता हूं। हमें शहरीकरण को एक समस्या नहीं मानना चाहिये बल्कि इसे एक अवसर के रूप में लेना चाहिये। उन्होंने कहा, आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग शहरों को आर्थिक वृद्धि के केन्द्र के रूप में मानते हैं, यदि किसी में गरीबी कम करने की क्षमता है तो वह हमारे शहर हैं। यही वजह है कि गरीब स्थानों से लोग निकलकर शहरों में जाते हैं, क्योंकि उन्हें वहां काम के अवसर मिलते हैं। मोदी ने कहा, अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहरों को मजबूती दें ताकि इससे कम से कम समय में ज्यादा-से-ज्यादा गरीबी दूर की जा सके और विकास के लिये नये मार्ग इसमें जोड़ें जा सकें। यह संभव है, यह कोई मुश्किल काम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे में 14 स्मार्ट सिटी परियोजनाएं शुरू की और देश में अन्य स्मार्ट शहरों में 69 अन्य कार्य शुरू किये। उन्होंने टुकड़ों में काम करने के बजाए व्यापक, आंतरिक संपर्क तथा दष्टिकोण उन्मुख तरीके से कार्य करने की अपील की।
उन्होंने कहा, जब तक हम चीजों को टुकड़ों में लेते रहेंगे, बदलाव नहीं हो सकता। हमें व्यापक, आंतरिक संपर्क साधने तथा दष्टिकोण उन्मुख रूख अपनाने की आवश्यकता है। मोदी ने कहा कि प्रत्येक शहर की एक अलग पहचान है और देश की जनता जो काफी स्मार्ट है, उसे यह निर्णय करना चाहिए कि शहरी क्षेत्रों का विकास कैसे हो। भागीदारी वाले राजकाज की भावना पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शहर की जनता को अपने शहरी क्षेत्रों के विकास के बारे में निर्णय करना है क्योंकि ये निर्णय दिल्ली में बैठे लोग नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री ने स्मार्ट शहरों के विकास के मामले में निर्णय में जन भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया और वृद्धि के आधुनिक केंद्र के रूप में शहरों को विकसित करने के लिये उनके बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा का आहवान किया। उन्होंने कहा, अगर हम इसे एक समस्या के रूप में विचार करते हैं, इसके समाधान के लिये हमारा रूख एक जैसा होगा लेकिन अगर हम इसे एक अवसर के रूप में विचार करते हैं, हम अलग रूप से सोचना शुरू करेंगे। मोदी ने पूर्व कांग्रेस सरकारों पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि वे देश को उल्टे रास्ते पर ले गये, वहीं उनकी सरकार आगे बढ़ने के नये रास्ते तलाश रही है।