जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर नए कृषि कानूनों के जरिए किसानों में भ्रम पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में विधानसभा बुलाकर इन कानूनों पर संविधान के तहत विचार कर किसानों के हित में पूरे प्रयास किये जाएंगे।
गहलोत ने शनिवार को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस के राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परीक्षण कराकर किस तरह संविधान के तहत राज्य को जो अधिकार दिए गए हैं उसका क्या तरीका हो सकता हैं उस पर विचार किया जाएगा। विधानसभा बुलाकर किसानों के हित में जो भी होगा उसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई हैं और इससे किसान, व्यापारी, थेले वाले सहित सभी लोग तकलीफ में हैं। इस समय केन्द्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। कोरोना के चलते राज्य सरकारों की आय 40 प्रतिशत पर आ गई हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की आय दुगनी करने का वादा तो करती हैं लेकिन वह यह वादा निभा नहीं पायेंगी, कयोंकि उसकी नीयत में खोट हैं। उसे किसी की परवाह नहीं की हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को भ्रमित करने के लिए विवादित कानून बना दिया और बाद में कह दिया जायेगा कि वह किसानों को दुगनी आय और उसके हित में पूरे कदम उठाये लेकिन लोग सड़कों पर आ गये और कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने इसमें दखल डाल दी। उन्होंने कहा कि भ्रम पैदा करने के लिए यह सब किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को नया कानून बनाकर किसानों को भ्रमित करने की बजाय उसे मंडियों और किसानों के हित में जो कमियां हैं उनमें सुधार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कोरोना ने विश्व को हिलाकर रख दिया हैं ऐसे समय में तीन काले कानून लाने की क्या जरुरत थी और क्या आपातकाल था कि इस वक्त ये कानून लाए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मालूम हैं कि कोरोना लम्बा चलने वाला है, इस बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता कि वह कब खत्म होगा, क्योंकि अभी इसकी वैक्सीन नहीं आई हैं। ऐसे वक्त में बिना राष्ट्रीय बहस तथा कानून से संबंधित मंडियों एवं राज्य सरकार से बिना पूछे कानून लाए गए।
गहलोत ने कहा कि मोदी जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने केन्द्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून में प्रावधान करने की मांग की जबकि अब वह खुद केन्द्र की सत्ता में हैं तब नये कानूनों में इसका कोई जीक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से किसानों का खेती करना मुश्किल हो जायेगा। इन कानूनों के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा के किसान सड़कों पर उतर आये और पूरे देश में किसानों के आग लगी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि चीन हमारी सीमा में घुस गया, हालात चुनौतियों की तरफ हैं, उस पर ध्यान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले से किसानों की हतैषी रही हैं और पहले कभी ऐसे कानून नहीं बने थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना के चलते इतने बड़े सभागार में लोगों को मास्क लगाकर जिस सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया गया और कोरोना के नियमों की पालना के लिए जीवन बचाने के लिए कामयाब व्यवस्था की गई हैं। इससे प्रदेश में एक अच्छा संदेश जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा बिना जनआंदोलन के कोरोना का बचाव मुश्किल हैं।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए डोटासरा ने भी केन्द्र सरकार पर इन कानूनों के जरिए किसानों को समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागने के लिए ये कानून लाई हैं। वह कोरोना को खत्म करने की बजाये किसानों को समाप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी हैं।